भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आपसी आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति जताई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक्स पर जानकारी दी कि दोनों देशों के बीच हुई बातचीत में इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा और टेक्नोलॉजी जैसे अहम क्षेत्रों में व्यापार और निवेश बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया।
भारत-यूएई के बीच फरवरी 2022 में हुए व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) को तीन साल पूरे हो गए हैं और इसका असर साफ दिखाई दे रहा है। 2020-21 में 43.3 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 2023-24 में 83.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें गैर-तेल व्यापार का हिस्सा 57.8 अरब डॉलर रहा। मौजूदा वित्त वर्ष में जनवरी 2025 तक यह आंकड़ा 80.5 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है।
समझौते के तहत अब तक करीब 2.4 लाख सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन जारी किए गए हैं जिनके आधार पर लगभग 19.87 अरब डॉलर का निर्यात यूएई को हुआ है। भारत के गैर-तेल निर्यात ने भी 2023-24 में 27.4 अरब डॉलर का स्तर छू लिया, जिसमें इलेक्ट्रिकल मशीनरी, रसायन, जेम्स एंड ज्वेलरी और स्मार्टफोन जैसे उत्पादों ने अहम योगदान दिया।
अकेले स्मार्टफोन निर्यात ही 2.57 अरब डॉलर का रहा। CEPA ने न सिर्फ व्यापारिक अवसर बढ़ाए हैं, बल्कि एमएसएमई सेक्टर को सशक्त बनाने, रोजगार सृजन और नए व्यवसायिक अवसर खोलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दोनों देश अब 2030 तक गैर-तेल व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं।




