भारत की केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा जारी नए नियम ने यूएई में भारतीय प्रवासी छात्रों और उनके अभिभावकों में चिंता पैदा कर दी है। कुछ स्कूलों ने छात्रों से आधार कार्ड नंबर मांगे हैं ताकि एक नया अनिवार्य पहचान पत्र (APAAR ID) बनाया जा सके।
CBSE ने इस महीने की शुरुआत में यह अनिवार्य किया कि कक्षा 10 और 12 के बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण करते समय छात्रों को अपने APAAR ID जमा करने होंगे।
APAAR ID क्या है?
APAAR का पूरा नाम Automated Permanent Academic Account Registry है। यह एक पहचान संख्या है जो छात्र के नामांकन से जुड़ी होती है और छात्र की पूर्व-प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक की शिक्षा यात्रा को ट्रैक करने में मदद करती है, जैसा कि भारत की नई शिक्षा नीति (NEP 2020) में प्रस्तावित है।
भारत के शिक्षा मंत्रालय ने अब सभी स्कूल छात्रों के लिए APAAR ID को अपनाना अनिवार्य कर दिया है, ताकि इसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एजुकेशन के हिस्से के रूप में लागू किया जा सके। हालांकि यह पहचान संख्या सभी छात्रों के लिए प्रस्तावित थी, CBSE ने फिलहाल इसे केवल 2026 से बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए अनिवार्य किया है। पहले बोर्ड ने स्कूलों से कक्षा 9 और 11 में छात्रों का विवरण मांगा था ताकि कक्षा 10 और 12 के लिए सूची बनाई जा सके। अब बोर्ड परीक्षा के लिए APAAR ID के साथ पंजीकरण अनिवार्य है।
आधार कार्ड की आवश्यकता क्यों?
हालांकि आधार अभी भी वैकल्पिक है, कुछ सरकारी लाभ, सब्सिडी, PAN कार्ड लिंकिंग और बैंकिंग सेवाओं के लिए यह जरूरी है। APAAR ID बनाने के लिए छात्रों को नाम, उम्र, जन्म तिथि, लिंग, फोटो और आधार नंबर जैसी जानकारी देनी होती है।
भारत में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के लिहाज से आधार लिंक करने की आवश्यकता पर बहस छिड़ी है, लेकिन यूएई में स्थिति अलग है। अधिकांश भारतीय प्रवासी छात्रों के पास आधार कार्ड नहीं है, क्योंकि NRIs के लिए आधार अनिवार्य नहीं है। विदेशी छात्रों के लिए भी आधार कार्ड नहीं बनता, क्योंकि इसे केवल भारतीय नागरिकों को ही जारी किया जाता है।
यूएई में क्या हो रहा है?
कुछ स्कूलों ने अचानक कहा कि अगले साल बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए APAAR ID बनाने के लिए आधार नंबर देना जरूरी है, जिससे कई छात्रों और अभिभावकों में तनाव और परेशानी पैदा हो गई।
एक अभिभावक ने कहा कि “हमारे स्कूल ने हमें सिर्फ गर्मियों की छुट्टियों के बाद यह जानकारी दी कि आधार जरूरी है। हमारे परिवार भारत में थे, और तब आसानी से आधार प्रक्रिया पूरी की जा सकती थी। अब सिर्फ इस प्रक्रिया के लिए भारत जाना व्यावहारिक नहीं है।”
हालांकि, कुछ स्कूल जैसे International Indian School, Abu Dhabi ने छात्रों को पहले ही सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ तैयार किया। स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. बेनो कुरियन ने बताया कि CBSE ने पहले से ही कई सर्कुलर और इंटरएक्टिव सेशन्स आयोजित किए थे।
वहीं, कुछ स्कूल जैसे Gulf Asian English School, Sharjah अभी CBSE की आगे की निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। उनके छात्रों में अधिकांश के पास आधार नहीं है और कई विदेशी नागरिक भी हैं। प्रिंसिपल डॉ. नसरीन बनू ने कहा, “हमारे क्षेत्रीय निदेशक से चर्चा के बाद ही अगला कदम तय होगा। हमें भरोसा है कि CBSE छात्रों के पासपोर्ट नंबर और अन्य दस्तावेज स्वीकार करेगा।”
CBSE का क्या कहना है?
CBSE के दुबई कार्यालय के निदेशक डॉ. राम शंकर ने कहा कि विदेशी स्कूलों के मामले में स्थिति वैसी की वैसी बनी रहेगी। अभी तक CBSE स्कूलों को APAAR ID के लिए कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है। जल्द ही जरूरी निर्देश और मार्गदर्शन जारी किया जाएगा।




