अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित “reciprocal tariffs” की पहली किश्त गुरुवार आधी रात से प्रभावी हो गई है। 90 से ज्यादा देशों के सामानों पर नए टैक्स (टैरिफ) लगाया गया है। ट्रंप ने कहा कि अब इन देशों से जो भी सामान अमेरिका आएगा, उस पर ज्यादा टैक्स लगेगा और अमेरिका को अरबों डॉलर मिलेंगे।
भारत पर 50 प्रतिशत का टैक्स
भारत पर पहले से ही 25% टैक्स था, लेकिन ट्रंप ने इसे बढ़ाकर 50% कर दिया है। यह बढ़ा हुआ टैक्स 21 दिन बाद से लागू होगा।
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है, जिससे यूक्रेन युद्ध से जुड़ी अमेरिका की चिंता और बढ़ रही है। इसलिए भारत पर ज्यादा टैक्स लगाया गया है।
दूसरे देशों पर टैक्स
कुछ देशों पर और भी ज्यादा टैक्स लगाए गए हैं:
ब्राज़ील: 50%
लाओस, म्यांमार: 40%
स्विट्ज़रलैंड: 39%
इराक, सर्बिया: 35%
भारत: 25% ➜ बढ़ाकर 50%
वियतनाम, ताइवान: 20%
श्रीलंका, पाकिस्तान, थाईलैंड, मलेशिया: लगभग 19%-20%
21 से ज्यादा देशों पर 15% से ऊपर का टैक्स लगाया गया है।
सेमीकंडक्टर (चिप) पर 100% टैक्स
ट्रंप ने यह भी कहा कि जो कंपनियां सेमीकंडक्टर (chip) अमेरिका में नहीं बना रही हैं, उन पर 100% टैक्स लगेगा। लेकिन Apple जैसी कंपनियों को छूट मिलेगी क्योंकि वे अमेरिका में फैक्ट्री बना रही हैं। अगर कोई कंपनी झूठ बोले और अमेरिका में निर्माण ना करे, तो बाद में उसका टैक्स जोड़कर लिया जाएगा।
अन्य देशों पर असर
कनाडा: अब उस पर 35% टैक्स लगेगा क्योंकि ट्रंप ने उस पर फेंटेनिल ड्रग्स को कंट्रोल न करने का आरोप लगाया। यूरोपीय संघ (EU): कुछ समझौते के बाद 15% टैक्स पर सहमति बनी। मेक्सिको: फिलहाल 90 दिन के लिए टैक्स नहीं लगेगा क्योंकि बातचीत जारी है।
ट्रंप का मकसद क्या है?
ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिकी कंपनियां अमेरिका में ही सामान बनाएं। वे मानते हैं कि दूसरे देश अमेरिका का फायदा उठा रहे हैं। इसीलिए वे इन देशों पर ज्यादा टैक्स लगाकर उन्हें सज़ा देना चाहते हैं और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहते हैं।




