यूएई की एक फर्म पर अदालत के फैसले के बाद Dh3 मिलियन का जुर्माना लगाया गया है। दरअसल आरोप है कि फर्म ने अवैध रूप से 60 श्रमिकों को नौकरी पर रखा था। बता दे सभी उक्त श्रमिक कंपनी के प्रायोजन के अधीन नहीं थे।

बता दे इस मामले पर अबू धाबी कोर्ट ने निचली अदालतों द्वारा दिए गए पूर्व के फैसलों को बरकरार रखा है, जिसमें कंपनी के प्रत्येक कार्यकर्ता पर Dh50,000 जुर्माना देने का आदेश दिया गया था। इस मामले की जांच पर फर्म को violating labour और immigration कानूनों का उल्लंघन करते पाया गया। इसके तहत कोर्च ने सजा का ऐलान किया।

Don't imprison anyone till May 24, Abu Dhabi Judicial Department ...

वहीं Prosecutors ने फर्म पर निवास वीजा कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था और “अधिकतम जुर्माना” का अनुरोध किया था। बता दे इस मामले में अबू धाबी कोर्ट ऑफ़ फ़र्स्ट इंस्टेंस और अपीलीय अदालत ने दोनों को दोषी पाया, जिसके बाद अमीरात की शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाते हुए जुर्मावे का फरमान सुनाया।

 

एक नजर पूरी खबर

  • अबू धाबी कोर्ट ने जारी किया सजा का प्रावधान
  • अगर अवैध रूप से दी प्रवासी को नौकरी
  • तो देना होगा Dh3 मिलियन का जुर्माना

 

 

गौरतलब है कि UAE श्रम कानून के तहत, एक कर्मचारी को व्यवसाय के निर्धारित स्थान पर नियोक्ता के लिए काम करना चाहिए और किसी अन्य फर्म के लिए काम नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, फर्मों को अपने निवास या यात्रा वीजा की समाप्ति के बाद यात्रा वीजा पर व्यक्तियों या देश में अवैध रूप से रहने वाले लोगों को नियोजित नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही कोई भी नियोक्ता या कंपनी जो गैरकानूनी रूप से काम करने वाले श्रमिकों को नौकरी पर रखती है। उन्हें पहले अपराध के लिए प्रति श्रमिक ढाई हजार का र्जुमाना भरना होगा, वहीं अगर कंपनी इसी माले में दुबारा पकड़ी जाती है, तो उसे प्रति श्रमिक ढाई लाख जुर्माना देना होगा।

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

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