संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी श्रमिक अदालत ने एक कंपनी को उसके पूर्व कर्मचारी को 4,75,555 दिरहम (Dh) (1.14 करोड़ भारतीय रुपये) का भुगतान करने का आदेश दिया है। यह फैसला इसलिए आया क्योंकि कंपनी ने उस कर्मचारी को लगभग 15 साल नौकरी करने के बाद भी उसकी मासिक तनख्वाह, सालाना छुट्टियाँ और सेवा समाप्ति लाभ नहीं दिए थे।
कर्मचारी का दावा क्या था?
कर्मचारी ने अदालत में यह मुकदमा दायर किया कि उसे 21 महीने की तनख्वाह यानी Dh 4,01,867 नहीं दी गई है। इसके अलावा, सेवा समाप्ति यानी ग्रैच्युटी के तौर पर Dh 1,42,020 नहीं मिले, दो साल की छुट्टियों के लिए Dh 21,266 बाकी हैं, और वापसी टिकट के लिए Dh 1,500 चाहिए। इन सभी की कुल राशि Dh 4,75,555 होती है।

अदालत में क्या हुआ?
अदालत के कागज़ों से पता चला कि कर्मचारी ने कंपनी में साल 2010 में काम शुरू किया था और उसका अनुबंध ओपन-एंडेड था। उसकी पूरी मासिक सैलरी Dh 22,000 थी, जिसमें Dh 10,800 बेसिक वेतन था। कंपनी ने कर्मचारी को 2025 में नौकरी से निकाल दिया।
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जब अदालत में सुनवाई हुई, कंपनी कोई जबाब देने नहीं आई। अदालत ने पाया कि कर्मचारी ने अपनी सेवा में 86 दिन अवैतनिक छुट्टी ली थी, जिसकी एवज में Dh 59,400 उसकी कुल मांग में से काटे गए। सेवा अवधि की गणना अदालत ने 14 साल, 4 महीने, 12 दिन के अनुसार की। अदालत ने उसके बेसिक वेतन के आधार पर Dh 1,38,955 का सेवा समाप्ति लाभ दिया। आखिरी में अदालत ने आदेश दिया कि कर्मचारी को Dh 4,75,555 मिलें।
कर्मचारी के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला?
यह फैसला यूएई के श्रमिकों के लिए बहुत मायने रखता है। अदालत ने साफ कहा कि कर्मचारियों को मासिक वेतन, सेवा समाप्ति लाभ और छुट्टियों का भुगतान करना जरूरी है। काम करने का कानूनी अनुबंध दोनों पक्षों के लिए बाध्य होता है।
अबू धाबी श्रमिक अदालत का कड़ा संदेश है – कोई भी कंपनी कर्मचारी का वेतन, छुट्टियां या लाभ रोक नहीं सकती। यदि कंपनी नियमों का पालन नहीं करती, तो अदालत के फैसले के अनुसार उसे पूरी राशि चुकानी पड़ेगी।




