संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की सरकार ने अपने व्यापारिक कानूनों (Business Laws) में बहुत बड़े और ऐतिहासिक बदलाव किए हैं। इन नए नियमों के बाद अब यूएई में कंपनी खोलना, उसे चलाना और निवेश करना पहले से कहीं ज्यादा आसान और लचीला हो गया है।
सरकार का मकसद यूएई को पूरी दुनिया के व्यापारियों और निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा जगह बनाना है।
यहाँ जानिए इन नए बदलावों की 3 सबसे बड़ी बातें:
1. अब खुल सकेंगी ‘नॉन-प्रॉफिट कंपनियां’ यूएई के कानून में पहली बार ‘नॉन-प्रॉफिट कंपनियों’ (Non-Profit Companies) का कांसेप्ट लाया गया है।
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इसका मतलब है कि अब ऐसी कंपनियां खोली जा सकती हैं जिनका मकसद सिर्फ़ मुनाफा कमाना नहीं होगा।
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इन कंपनियों को जो भी प्रॉफिट (मुनाफा) होगा, वह मालिकों की जेब में जाने के बजाय वापस कंपनी के विकास और अच्छे कामों में लगाया जाएगा।

2. शेयर्स और फंडिंग में मिली आज़ादी बिजनेस मालिकों को अब अपने हिसाब से कंपनी चलाने की छूट मिली है।
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शेयर्स (Shares): अब कंपनी मालिक अपनी मर्जी से शेयर्स तय कर सकते हैं। वे डिसाइड कर सकते हैं कि किस शेयर पर ज्यादा ‘वोटिंग पॉवर’ मिलेगी और किस पर पहले मुनाफा मिलेगा। यह फाउंडर्स और इन्वेस्टर्स दोनों के लिए अच्छी खबर है।
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फंडिंग (Funding): पैसे जुटाने के लिए अब प्राइवेट कंपनियों को ‘पब्लिक’ होने की जरूरत नहीं है। वे सीधे प्राइवेट मार्केट से फंड उठा सकती हैं, जिससे बिजनेस बढ़ाना आसान हो जाएगा।
3. कंपनी शिफ्ट करना और सुरक्षा
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शिफ्टिंग: अब अगर कोई कंपनी अपनी लोकेशन बदलना चाहती है (जैसे एक अमीरात से दूसरे में, या फ्री ज़ोन में), तो वह अपनी पुरानी पहचान खोए बिना आसानी से शिफ्ट हो सकती है। इससे कागजी कार्रवाई की टेंशन खत्म हो जाएगी।
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सुरक्षा: अगर किसी पार्टनर की मृत्यु हो जाती है या कोई शेयर बेचना चाहता है, तो इसके लिए अब बहुत साफ और सख्त नियम बनाए गए हैं। इससे धोखाधड़ी (Fraud) का डर नहीं रहेगा और निवेशकों का पैसा सुरक्षित रहेगा।
खबर शॉर्ट में (6 मुख्य बातें):
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🏢 बिज़नेस करना हुआ आसान: यूएई ने अपने कानूनों में बड़े बदलाव किए हैं ताकि वहां बिज़नेस करना, पैसा जुटाना (Funding) और कंपनी को चलाना पहले से बहुत आसान और लचीला हो जाए।
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❌💰 ‘नॉन-प्रॉफिट कंपनी’ का नया ऑप्शन: अब वहां ऐसी कंपनियाँ भी खोली जा सकती हैं जिनका मकसद मुनाफा कमाना नहीं होगा। इनका जो भी प्रॉफिट होगा, वो मालिकों में नहीं बंटेगा बल्कि वापस कंपनी के अच्छे कामों में ही लगेगा।
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📊 शेयर्स (Shares) में मिली छूट: अब कंपनियाँ अपनी मर्जी से अलग-अलग तरह के शेयर्स जारी कर सकती हैं। यानी अब वो खुद तय कर सकती हैं कि किस शेयर होल्डर के पास कितनी पावर या वोटिंग का हक़ होगा।
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💸 पैसे जुटाना हुआ सिंपल: प्राइवेट कंपनियों को अब बड़ी पब्लिक कंपनी बने बिना भी मार्केट से पैसा (Fund) उठाने की इजाजत मिल गई है, जिससे बिज़नेस बढ़ाना आसान हो जाएगा।
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🚚 कंपनी शिफ्ट करने की आज़ादी: अगर किसी को अपना बिज़नेस एक फ्री ज़ोन (Free Zone) से दूसरी जगह या मेनलैंड में शिफ्ट करना है, तो अब ये आसानी से हो जाएगा और कंपनी की पुरानी पहचान भी बनी रहेगी।
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🔒 पार्टनर्स की सुरक्षा पक्की: नए नियमों में इन्वेस्टर्स और पार्टनर्स के हक़ को पूरी तरह सेफ रखा गया है। अगर किसी पार्टनर की डेथ हो जाए या शेयर बेचने हों, तो उसके लिए अब पक्के और साफ़ नियम बना दिए गए हैं।





