यूएई राजस्थान में तीन लाख करोड़ रुपए के निवेश से 60 हजार मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट लगाने जा रहा है। केंद्र सरकार यूएई के साथ एमओयू को राजस्थान की ओर डायवर्ट कर रहा है। इससे ना केवल ऊर्जा क्षेत्र, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। यूएई सरकार बड़ी रणनीतिक योजना के तहत मसौदा तैयार कर रही है।
जयपुर में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में एमओयू
यूएई के निवेश मंत्री मोहम्मद हसन अल सुवाइदी और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच एमओयू साइन हुआ था। राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट ग्लोबल समिट से ठीक पहले जयपुर में भी मुख्यमंत्री की मौजूदगी में एमओयू किया गया, लेकिन इसे 35 लाख करोड़ में शामिल नहीं किया था।
देश में सबसे ज्यादा सौर उर्जा राजस्थान में
भारत में सबसे ज्यादा सौर उर्जा राजस्थान में है। यहां पर प्रति वर्गमीटर एरिया से हर साल 5.72 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है। जबकि, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्य राजस्थान से काफी पीछे हैं। यही वजह है कि निवेशकों की नजर राजस्थान की तरफ ज्यादा है।
इन क्षेत्रों में खुलेंगे अवसर
- ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति: यह प्रोजेक्ट राज्य की वर्तमान अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता से कई गुना अधिक है। इससे राजस्थान विश्व में सौर और पवन ऊर्जा का बड़ा हब बनेगा।
- लोगों को मिलेगा रोजगार : निर्माण, संचालन और रखरखाव जैसे क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिलेगा। तकनीकी संस्थानों को भी इसका फायदा मिलेगा।
- होगा आर्थिक फायदा : इंफ्रास्ट्रक्चर, निर्माण, मशीनरी, इंजीनियरिंग और स्थानीय सप्लाई चेन को मजबूती मिलेगी।
- मिलेगी वैश्विक पहचान: राजस्थान ग्रीन एनर्जी डेस्टिनेशन के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाएगा।




