हाल ही में यूएई ने एक नया रिमोट वर्क सिस्टम शुरू किया है। ये सिस्टम सरकारी विभागों को देश के बाहर से भी रिमोट वर्क कराने की अनुमति देता है। इसका उद्देश्य दुनिया भर के टैलेंटेड लोगों को अपनी ओर आकर्षित करना है।
आपको बता दें कि यूएई की प्राइवेट कंपनियां खासतौर पर आईटी सेक्टर पहले से ही रिमोट वर्क को अपना चुकी है। इसका उद्देश्य खर्च घटाना, प्रतिस्पर्धी बने रहना और दुनिया भर से बेहतरीन टैलेंट को नियुक्त करना। लेकिन अब यूएई में सरकारी विभाग भी देश के बाहर के टैलेंट को खास प्रोजेक्ट्स, रिसर्च और स्टडीज़ के लिए हायर कर सकती है। इससे सरकारी संचालन में विशेषज्ञता और नयापन आएगा।
निक्की विल्सन (MD, Genie) का कहना है कि रिमोट वर्क से कंपनियां ऑफिस स्पेस का खर्च बचा सकती हैं और बेहतरीन इंटरनेशनल टैलेंट को प्रोजेक्ट बेस पर हायर कर सकती हैं। वहीं पेड्रो लसेर्डा (VP, TASC Group) ने कहा इस फैसले से सरकार को अंतरराष्ट्रीय अनुभव और इनोवेशन मिलेगा, जिससे कार्य कुशलता बढ़ेगी और लंबे समय का फायदा होगा।
रिमोट वर्क सिस्टम के फायदें
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ऑपरेशन लागत घटेगी
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फिजिकल ऑफिस की ज़रूरत कम होगी
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नवाचार और ग्लोबल आइडिया को अपनाने में मदद
सरकारी स्तर पर होगा बड़ा बदलाव
यूएई 2017 से ही फेडरल एम्प्लॉयीज़ के लिए रिमोट वर्क करवा रहा है। लेकिन अब पहली बार देश के बाहर से भी हायरिंग को ऑफिशियल मान्यता मिली है, जो एक बड़ा कदम है।
निक्की विल्सन ने कहा सरकारी भर्ती अब तक ज्यादातर ऑफिस-बेस्ड और लोकल रही है। लेकिन ये फैसला दिखाता है कि अब वो लचीलापन और नया तरीका अपनाने को तैयार हैं।
कंपनियों में बढ़ रहा ट्रेंड
आजकल स्टार्टअप से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियां तक रिमोट वर्क मॉडल अपना रही हैं ताकि कम लागत में तेज़ी से स्केल किया जा सके।




