प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना ने देश के करोड़ों किसानों को बड़ी राहत दी है। साल 2019 में शुरू हुई यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए आर्थिक मदद का एक मजबूत जरिया बनकर उभरी है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को सालाना 6000 रुपये की मदद देती है, जो सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। हालांकि, योजना की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही इसकी पात्रताओं (Eligibility) को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी उठते रहे हैं।
खासकर ग्रामीण इलाकों में यह सवाल अक्सर पूछा जाता है कि क्या एक ही परिवार में पति और पत्नी, जिनके नाम पर अलग-अलग खेत हैं, वे दोनों इस योजना का लाभ उठा सकते हैं? अगर आप भी इस पशोपेश में हैं, तो नियमों को बारीकी से समझना बेहद जरूरी है।
पति और पत्नी दोनों के नाम पर है खेती की जमीन, तो क्या एक ही घर में मिल सकता है डबल फायदा? यहाँ दूर करें अपना कंफ्यूजन
अक्सर देखा जाता है कि एक ही घर में पति और पत्नी दोनों के नाम पर अलग-अलग कृषि भूमि होती है। ऐसे में कई बार दोनों ही पीएम किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन कर देते हैं। लेकिन योजना के नियम इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट हैं। पीएम किसान योजना के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, इस योजना का लाभ ‘परिवार’ के आधार पर मिलता है, न कि व्यक्तिगत जमीन के मालिकाना हक के आधार पर। यानी अगर पति और पत्नी दोनों के नाम जमीन है, तब भी उनमें से केवल कोई एक ही इस योजना की किस्त का हकदार होगा। यदि दोनों आवेदन करते हैं, तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
सिर्फ जमीन होना काफी नहीं, ‘परिवार’ की परिभाषा जानना जरूरी; जानिए पति, पत्नी और बच्चों को लेकर क्या है सरकार की गाइडलाइन
पीएम किसान योजना के तहत सरकार ने लाभार्थी ‘परिवार’ की परिभाषा पहले ही तय कर दी है। इसके अनुसार, एक परिवार का मतलब है- पति, पत्नी और उनके नाबालिग बच्चे (Minor Children)। सरकार इस पूरी इकाई (Unit) को एक लाभार्थी मानती है। इसलिए, भले ही पति और पत्नी के पास अलग-अलग राजस्व रिकॉर्ड में जमीन हो, वे एक ही परिवार का हिस्सा माने जाएंगे। परिवार की इस इकाई में से केवल एक सदस्य ही 6000 रुपये सालाना का लाभ ले सकता है। सरकार का स्पष्ट मानना है कि यह सहायता राशि परिवार की आजीविका में मदद के लिए है, इसलिए इसे प्रति व्यक्ति नहीं दिया जा सकता।
गलती से भी दोनों ने ले ली है किस्त तो तुरंत हो जाएं सावधान, सरकार ने शुरू की वसूली की प्रक्रिया, हो सकती है कार्रवाई
अगर किसी परिवार में पति और पत्नी दोनों ने नियमों की जानकारी न होने या जानबूझकर गलत जानकारी देकर योजना का लाभ लिया है, तो यह मुश्किल का सबब बन सकता है। कृषि मंत्रालय ने ऐसे लाखों अपात्र लाभार्थियों की पहचान की है जो एक ही परिवार का हिस्सा होकर दोहरी किस्तें ले रहे थे। सरकार अब ऐसे लोगों पर सख्त हो गई है। ऐसे मामलों में अब तक दी गई राशि की वसूली (Recovery) की जा रही है। यदि कोई किसान स्वेच्छा से पैसे वापस नहीं करता है, तो उसे भविष्य की किस्तों से तो वंचित किया ही जाएगा, साथ ही उसे कानूनी नोटिस का सामना भी करना पड़ सकता है।
किस स्थिति में एक घर में एक से ज्यादा लोगों को मिल सकता है सम्मान निधि का पैसा? ये है बालिग बेटे के लिए नियम
अब सवाल यह है कि क्या कोई ऐसी स्थिति है जब एक ही घर में एक से ज्यादा लोग इसका फायदा ले सकें? इसका जवाब ‘हां’ है, लेकिन शर्तों के साथ। यदि परिवार में कोई बेटा बालिग है (यानी उसकी उम्र 18 साल से अधिक है) और राजस्व रिकॉर्ड (Revenue Records) में उसके नाम पर अलग से खेती योग्य जमीन दर्ज है, तो वह एक ‘स्वतंत्र परिवार’ के रूप में गिना जाएगा। ऐसी स्थिति में वह अपने माता-पिता से अलग, अपने नाम पर योजना के लिए आवेदन कर सकता है और लाभ प्राप्त कर सकता है। लेकिन पति-पत्नी के मामले में यह छूट लागू नहीं होती है।




