सुबह से ही यूपीआई पेमेंट पर सरचार्ज की खबर को लेकर कोलाहल मचा हुआ है. लोगों के बीच इस बात को लेकर टेंशन देखी जा रही है कि क्या अब डिजिटल पेमेंट करने के लिए भी उनकी जेब पर बोझ बढ़ने वाला है. इससे जुड़े तमाम कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए अब यूपीआई सिस्टम ऑपरेट करने वाले नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने सफाई जारी कर दी है.
एनपीसीआई ने ट्विटर पर एक बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि ‘यूपीआई पेमेंट पहले की तरह मुफ्त, तेज, सुरक्षित और आसान’ बना रहेगा. बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कर यूपीआई से ट्रांजेक्शन करने वाले ग्राहकों और मर्चेंट्स पर नए सरचार्ज का कोई असर नहीं होगा.
क्या है NPCI की सफाई में ?
एनपीसीआई के बयान में कहा गया है कि यूपीआई से लेनदेन का सबसे पॉपुलर तरीका, किसी यूपीआई इनेबल्ड ऐप (जैसे कि गूगलपे, फोनपे, भीम और पेटीएम) से अपने बैंक खाते को लिंक करके पेमेंट करना है. यूपीआई से होने वाले 99.9 प्रतिशत लेनदेन ऐसे ही होते हैं. इस तरह बैंक अकाउंट से बैंक अकाउंट के बीच होने वाले लेनदेन आगे भी मुफ्त बने रहेंगे. फिर चाहें इसे कस्टमर करें या मर्चेंट.
समझिए यूपीआई सरचार्ज.
एनपीसीआई की सफाई में यूपीआई सरचार्ज को भी क्लियर किया गया है. एनपीसीआई का कहना है कि हाल में भारतीय रिजर्व बैंक ने यूपीआई पेमेंट सिस्टम को इंटरऑपरेबल बनाने के निर्देश दिए थे. इसका मतलब ये हुआ कि एक तरह के पेमेंट सिस्टम से दूसरे तरह के पेमेंट सिस्टम के बीच ट्रांजेक्शन को आसान बनाना.
हाल में यूपीआई इकोसिस्टम में प्रीपेड वॉलेट और रुपे क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने की सुविधा को जोड़ा गया है. इसलिए अब प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) फीस लगाने की अनुमति दी गई है. इस तरह पीपीआई (क्रेडिट कार्ड और वॉलेट इत्यादि) के माध्यम से यूपीआई पेमेंट करना आसान हो जाएगा. इसके लिए एनपीसीआई ने 1.1 प्रतिशत तक के इंटरचेंज चार्जेस शुरू किए हैं, जो केवल पीपीआई मर्चेंट्स ट्रांजेक्शन पर लागू होगा.
एक ही ऐप पर क्रेडिट कार्ड, खाते और वॉलेट से पेमेंट
एनपीसीआई ने साफ कहा है कि ये चार्ज कस्टमर के लिए नहीं है. ना ही ये सामान्य यूपीआई पेमेंट जो बैंक से बैंक खाते के बीच होता है, उस पर लगेगा. वहीं अब यूपीआई ऐप पर ही ग्राहकों को बैंक खाते, रुपे क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड वॉलेट से पेमेंट करने की सुविधा मिलेगी.