हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है कि ओमान की धरती के नीचे मौजूद एक ‘भूतिया प्लूम’ (Ghost Plume) ने भारत की भूगर्भीय दिशा को करोड़ों साल पहले बदल दिया। यदि यह प्लूम न होता, तो आज भारत शायद पूरी तरह अलग जगह पर स्थित होता।
आइए जानते हैं क्या होता है ‘भूतिया प्लूम’ (Ghost Plume)
यह एक मैग्मा प्लूम है जो पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद एक गरम और घना मैग्मा स्त्रोत, जो आमतौर पर ज्वालामुखी गतिविधियों को जन्म देता है। लेकिन यह खास प्लूम Salma Plateau (ओमान) के नीचे फंसा हुआ है और सक्रिय ज्वालामुखीय गतिविधि नहीं कर सकता।
Salma Plateau, ओमान में स्थित है, जिसकी ऊंचाई लगभग 6,600 फीट (2,000 मीटर) है। यह प्लूम पृथ्वी की मोटी क्रस्ट और ऊपरी मैंटल के बीच फंसा हुआ है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जब भारतीय टेक्टोनिक प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकराया था (जिससे हिमालय बना), उस समय इस ‘ghost plume’ ने ऐसा दबाव बनाया कि भारत की दिशा में परिवर्तन आ गया। इस दबाव ने भारत की गति और रास्ते को मोड़ दिया, जिससे आज वह उस स्थान पर स्थित है जहां हम हैं।
भूतिया प्लूम की वजह से भारत की दिशा में परिवर्तन
Earth and Planetary Science Letters में प्रकाशित हुआ शोध; वैज्ञानिकों ने इसे ‘Dani Plume’ नाम दिया वैज्ञानिकों ने एक नई शोध में दावा किया है कि ओमान के नीचे स्थित एक ‘भूतिया’ मैग्मा प्लूम (ghost plume) जिसे ‘Dani Plume’ नाम दिया गया है। इसी ने भारत की भू-स्थानिक दिशा को करोड़ों साल पहले प्रभावित किया, जिससे भारत आज जहां है वहां पहुंचा।
ओमान में कैसे फंसा है यह प्लूम
अधिकतर मैग्मा प्लूम महासागरीय प्लेटों के बीच उठते हैं, लेकिन Dani Plume महाद्वीपीय प्लेटों में फंसा हुआ है। क्योंकि महाद्वीपीय प्लेटों की क्रस्ट (Crust) और ऊपरी मैंटल ज्यादा मोटी होती है, यह प्लूम न तो ऊपर उठ सकता है और न ही डिकंप्रेशन मेल्टिंग (decompression melting) के ज़रिए सक्रिय हो सकता है।
ओमान का सलमा पठार और भारत की दिशा में बदलाव का रहस्य
Dani Plume ने भारत की टेक्टोनिक दिशा को 4 करोड़ साल पहले बदल दिया – वैज्ञानिकों का दावा वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि ओमान का सलमा पठार (Salma Plateau) और भारत की टेक्टोनिक दिशा के बीच एक गहरा संबंध है। यह संबंध जुड़ा है एक “Dani Plume” नामक मैग्मा प्लूम से, जो आज से लगभग 40 मिलियन (4 करोड़) साल पुराना है। उसी समय का जब भारत और यूरेशिया की टेक्टोनिक प्लेटों की टक्कर हुई थी।
सलमा पठार और टक्कर का समय
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Salma Plateau की उम्र: लगभग 4 करोड़ साल
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उसी समय भारतीय और यूरेशियाई प्लेटें टकराईं और फिर भारत उत्तर की ओर खिसकते हुए आज की स्थिति में पहुंचा।
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यह टक्कर ओमान के पास कहीं हुई थी, और वहीं से भारत की दिशा थोड़ी बदल गई।
प्रमुख भूभौतिकी विशेषज्ञ और इस शोध के लेखक डॉ. सिमोन पिलिया ने कहा कि “Dani plume से उत्पन्न shear stress ने भारत की दिशा में मामूली लेकिन निर्णायक मोड़ पैदा किया।”




