साथ ही डीजल के लेवी पर भी राहत दी है. सरकार की ओर से की गई यह कमी 16 दिसंबर 2022 से प्रभावी होगी. सरकार की ओर से नोटिफिकेशन के मुताबिक, सरकार की स्वामित्व वाली ONGC जैसी कंपनियों पर लगने वाला टैक्स 4,900 रुपये प्रति टन से कम होकर 1,700 रुपये प्रति टन रह गया है.
एक पखवाड़े में होने वाले विंडफॉल टैक्स में संशोधन के तहत, सरकार ने डीजल ने डीजल पर एक्सपोर्ट टैक्स 8 रुपये से घटाकर 5 रुपये कर दिया है. इस लेवी में 1.5 रुपये प्रति लीटर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस शामिल है. नोटिफिकेशन के अनुसार, एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर विंडफॉल टैक्स को 5 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 1.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है.
पहले भी सरकार ने दी थी राहत
सरकार ने इससे पहले एक दिसंबर 2022 को विंडफॉल टैक्स को लेकर समीक्षा बैठक की थी. इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से घरेलू कच्चे तेल की बिक्री पर इसे 10,200 से घटाकर 4,900 रुपये प्रतिटन कर दिया गया था. वहीं, पेट्रोल पर विंडफॉल टैक्स खत्म कर दिया गया था और एटीएफ पर टैक्स को पांच रुपये प्रति लीटर पर रखा गया था.
65 प्रतिशत तक कम हुआ टैक्स
सरकार विंडफॉल टैक्स को करीब हर दो सप्ताह के दौरान संशोधित कर रही है. नए संशोधन के बाद घरेलू क्षेत्रों से उत्पादित तेल पर टैक्स लगभग 65 प्रतिशत तक कम हो चुका है. विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स को कैलकुलेट उत्पादकों को सीमा से उपर मिलने वाली कीमत पर की जाती है.
भारत में सबसे पहले जुलाई मे लगा था विंडफॉल टैक्स
भारत ने पहली बार 1 जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया था. उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया जाता था. वहीं कच्चे घरेलू तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन (यूएसडी 40 प्रति बैरल) विंडफॉल प्रोफिट टैक्स लगाया गया था.
आम लोगो पर असर.
देश के भीतर रहने वाले लोगो को इसका कोई असर नहीं होगा. हालाँकि भारत से आयात कर रहे देश सस्ता पेट्रोल डीज़ल अपने देश में कर सकेंगे.
देश के अंदर रहने वाले लोगो को इसका फ़ायदा तेल कंपनियों के शेयर में देख सकेंगे. टैक्स घटने के वजह से कमाई तेल कंपनियों को ज़्यादा मिलेगा.