नियम सख्त होने के बावजूद भी सुधार की जरूरत

हालांकि, खाड़ी देशों में नियम काफी सख्त हैं और गलती में पकड़े जाने पर कड़ी सजा दी जाती है। व्यवस्थित कानून होने के बावजूद भी कई ऐसे पहलू हैं, जिनपर सुधार होने में अभी काफी समय लग सकता है। जैसे कि मानवाधिकारों की दिशा में बात करें तो अक्सर कई ऐसी खबरें आती रहती हैं जिसे पश्चिम के देशों में कड़ी निन्दा की जाती है।

महिलाओं को हुई जेल की सजा

सऊदी में अभी फिलहाल ही पिछले हफ्ते एक महिला को 45 साल जेल की सजा सुनाई गई है। मिली जानकारी के अनुसार नौरा अल-क़हतानी के सोशल मीडिया पोस्ट रीट्वीट पर बवाल खड़ा हो गया। उनके पोस्ट को सऊदी अधिकारियों ने दुर्भावनापूर्ण और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगड़ने वाला बताया है।

इसके अलावा दो सप्ताह पहले सलमा अल शहाब नामक महिला को एक एक्टिविस्ट के ट्वीट को रीट्वीट करने के मामले में 34 साल जेल की सजा सुनाई गई है। सलमा ने जब महिलाओं के लिए ड्राइविंग अधिकारों का समर्थन किया तब उन्हें प्रताड़ित किया गया। उनके साथ जेल में दुर्व्यवहार किया गया। जिसे जजों के सामने उन्हें बताने की अनुमति नहीं दी गई।

 

 

सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं

सऊदी में सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। ऐसे लोगों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है। सरकार के खिलाफ कुछ भी बोलना आम पब्लिक के लिए भारी पड़ता है।

 

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

Leave a comment