नेपाल की सुरक्षा बलों और गोताखोरों ने एक बड़े बचाव कार्य में झोंक दिए हैं। शनिवार को चितवन जिले में तपस्या से लड़ते हुए 50 से अधिक लोगों की तलाश शुरू की गई, जिनमें 7 भारतीय भी शामिल हैं।
मूसलधार बारिश और भूस्खलन का कहर
चितवन जिले में नारायण घाट- मुगलिंग मार्ग पर सिमलताल क्षेत्र में भूस्खलन के कारण त्रिशूली नदीं में दो बसें बह गईं। एक बस बीरगंज से काठमांडू की ओर जा रही थी, और इसमें 24 लोग सवार थे, जिनमें 7 भारतीय नागरिक भी शामिल थे। दूसरी बस काठमांडू से गौर जा रही थी और इसमें 30 स्थानीय लोग सवार थे। पुलिस के अनुसार, तीन यात्री सुरक्षित तैरकर बाहर निकल आए हैं लेकिन अभी भी 51 लोग लापता हैं।
सुरक्षा बलों और गोताखोरों की जुटी कोशिशें
नेपाल पुलिस ने बताया की तलाशी अभियान में लगभग 500 सुरक्षाकर्मी जुटे हुए हैं जिसमें नेपाली सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस कर्मियों के साथ गोताखोर भी शामिल हैं। शुक्रवार शाम को तलाशी अभियान को रोक दिया गया था, लेकिन शनिवार सुबह 8 बजे से फिर से शुरू किया गया।
नेपाल जलवायु संकट के प्रति संवेदनशील देशों में से एक है और पिछले डेढ़ दशक में यहाँ अप्रत्याशित मौसम की घटनाएं बढ़ी हैं। नेपाल में अत्यधिक वर्षा, मानसून के बाद लंबी बारिश, शुष्क अवधि, सूखा और सामान्य से अधिक सर्दियों के तापमान जैसे प्रभाव नजर आ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मौसम की घटनाएं और भी बढ़ने की संभावना है जिससे हजारों परिवार प्रभावित हो सकते हैं।
फिलहाल नेपाल के सुरक्षा बलों की निरंतर कोशिशें और गोताखोरों की सहायता से बचाव कार्य चल रहा है। स्थानीय प्रशासन ने सभी संभावित स्थानों की तलाशी का वादा किया है और उम्मीद जताई जा रही है कि लापता लोगों का जल्द ही पता चल सकेगा।