दिल्ली–जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग NH-48 पर ट्रैफिक पुलिस की जांच में 18 ब्लैक-स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2025 से 31 अक्टूबर 2025 तक हाईवे पर कुल 900 सड़क हादसे हुए, जिनमें 377 लोगों की मौत और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए। ज्यादातर हादसे रात के समय और रोशनी कम होने के कारण हुए हैं।
ट्रैफिक पुलिस की विशेष टीम ने ये ब्लैक-स्पॉट दिखाए और रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन जगहों पर सोलर स्ट्रीटलाइट, हाई-मास्ट लाइट, चेतावनी बोर्ड और रिफ्लेक्टिव मार्किंग लगानी चाहिए। इसी रिपोर्ट को NHAI और स्थानीय विकास प्राधिकरण GMDA को भेज दिया गया है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
इन बदलावों का असर सीधे हाईवे पर यात्रा करने वालों पर होगा। जिन इलाकों में ये स्पॉट हैं वहां रात में दृश्यता कम रहती थी और हादसे अधिक होते थे। अब जहां काम होगा वहां रोशनी और चिन्ह आने पर रात के समय हालात बदलने की संभावना है, और यात्रियों तथा स्थानीय लोगों को इन स्थानों से गुजरते हुए जानकारी मिलेगी।
रिपोर्ट में जिन विशेष उपायों का सुझाव है, वे छोटे वाक्यों में — सोलर स्ट्रीटलाइट लगाना, हाई-मास्ट लाइट खड़ी करना, चेतावनी बोर्ड लगाना, रिफ्लेक्टिव लेन मार्किंग करना। 18 स्पॉट में पंचगांव चौक, इफको चौक, बिलासपुर चौक, बिनोला फ्लाईओवर, मानेसर के कई चौक शामिल हैं। साथ ही हाईवे से जुड़ी 13 शहरी सड़कों को भी हाई-रिस्क बताया गया है।
अगले कदम के तौर पर रिपोर्ट संबंधित विभागों को भेज दी गई है। NHAI और GMDA रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेंगे। काम कब शुरू होगा और किस तरह होगा, यह आगे के आदेशों पर निर्भर है और विभागों की मंजूरी के बाद ही लागू होगा।
- NH-48 पर 18 ब्लैक-स्पॉट चिन्हित किए गए हैं।
- जनवरी–31 अक्तूबर 2025: 900 हादसे, 377 मौतें, 500+ घायल।
- ज्यादातर दुर्घटनाएँ रात में और रोशनी कम होने से हुईं।
- सुझाए गए उपाय: सोलर लाइट, हाई-मास्ट, चेतावनी बोर्ड, रिफ्लेक्टिव मार्किंग।
- रिपोर्ट NHAI और GMDA को भेज दी गई है; आगे की कार्रवाई वहीं तय होगी।




