आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो पानी के सभी ग़लत बिल माफ़ किए जाएँगे। उनका कहना है कि जिन लोगों को गलत बिल मिल रहा है, उन्हें जमा करने की ज़रूरत नहीं है। केजरीवाल ने लोगों से अपील की कि वे ऐसे बिलों को लेकर परेशान न हों, क्योंकि उनकी सरकार बनने पर यह भार पूरी तरह से हट जाएगा।
चुनाव जीतने पर सभी गलत बिल माफ़
केजरीवाल ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि यदि वह चुनाव में जीत दर्ज करते हैं, तो सबसे पहले पानी के ग़लत बिलों का मुद्दा सुलझाया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में हज़ारों परिवारों को भारी-भरकम बिल थमा दिए गए हैं, जबकि उनकी वास्तविक खपत इससे कहीं कम है। उनका दावा है कि यह सरकार की नाकामी है, जिसने बिलिंग सिस्टम को दुरुस्त नहीं किया।
लोगों से नहीं भरने को कहा गया ग़लत बिल
केजरीवाल ने कहा, “मैं सार्वजनिक और औपचारिक रूप से ऐलान करता हूँ: जिन लोगों को लगता है कि उनके बिल ग़लत आए हैं, वे उन्हें जमा न करें। अगर इस चक्कर में किसी पर जुर्माना या कार्यवाही होती है, तो सत्ता में आने के बाद हमारी सरकार उसे भी देखेगी।” उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी का उद्देश्य दिल्ली की तर्ज़ पर लोगों को उचित पानी और सही बिलिंग मुहैया कराना है।
बीजेपी-कांग्रेस पर निशाना
अपने चुनावी वादों का ज़िक्र करते हुए अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हर परिवार को 20 हज़ार लीटर तक मुफ्त पानी दिया जाता है, जिससे क़रीब 12 लाख से ज़्यादा परिवारों का पानी का बिल शून्य आता है। उनका कहना है कि इसी तरह, दूसरे राज्यों में भी पार्टी की सरकार बनी तो जनता को पानी के भारी-भरकम बिलों से राहत दिलाई जाएगी। केजरीवाल ने तंज कसते हुए कहा कि अन्य पार्टियों की सरकारें इस मामले में कुछ नहीं कर पातीं, इसलिए जनता को लंबे समय से बेवजह के बिलों का खामियाज़ा भुगतना पड़ता है।
“चुनाव के बाद नई योजना घोषित करेंगे”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, केजरीवाल ने यह भी कहा कि चुनाव नतीजे आने के बाद उनकी पार्टी पानी की नई नीति घोषित करेगी, जिसमें सिर्फ़ गलत बिल माफ़ करने का प्रावधान ही नहीं, बल्कि पानी की सप्लाई और बिलिंग सिस्टम को पारदर्शी बनाने के भी पुख़्ता इंतज़ाम किए जाएँगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे चुनाव तक इन ग़लत बिलों को न भरें और इंतज़ार करें कि आम आदमी पार्टी को सरकार बनाने का मौक़ा मिले, ताकि राहत वाली योजनाओं को लागू किया जा सके।