बजट 2025: एनआरआई को मिला टैक्स में तोहफा, जानें पूरी कहानी
गुजरात के गांधीनगर स्थित आईएफएससी के नाम का डंका एक बार फिर बज उठा है। बजट 2025 में वित्त मंत्री ने एनआरआई के लिए एक बड़ा तोहफा पेश किया है। अब एनआरआई को आईएफएससी क्षेत्र में खरीदी गई इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। चाहे वो यूलिप्स हो या कोई और इंश्योरेंस पॉलिसी, सभी को टैक्स छूट का फायदा मिलेगा।
मुख्य बिंदु 1: आईएफएससी से खरीदी गई पॉलिसी पर टैक्स छूट
आईएफएससी में रजिस्टर्ड इंश्योरेंस कंपनियों से खरीदी गई पॉलिसी पर धारा 10(10डी) के तहत टैक्स छूट दी जाएगी। मतलब, प्रीमियम चाहे कितना भी हो, टैक्स नहीं लगेगा। हां, बस ध्यान रहे कि पॉलिसी के टर्म के दौरान कोई भी सालाना प्रीमियम, इंश्योर्ड रकम का 10% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। ये नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।
मुख्य बिंदु 2: छूट के पीछे की पैंच
हालांकि, ये छूट सुनने में जितनी सुनहरी लगती है, उतनी ही पेचीदा भी है। एक लिमिटेशन क्लॉज भी जोड़ा गया है—अगर सालाना प्रीमियम वास्तविक सम एश्योर्ड का 10% से ज्यादा होता है, तो छूट नहीं मिलेगी। मतलब साफ है, छूट का मज़ा लेने के लिए पॉलिसी की स्ट्रक्चरिंग सही होनी चाहिए।
मुख्य बिंदु 3: आईएफएससी के बढ़ते कदम
आईएफएससी यानि इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर, अब काले धन का नहीं, बल्कि टैक्स छूट का पर्याय बन गया है। सरकार यहां न सिर्फ फाइनेंशियल टैक्स छूट दे रही है, बल्कि इसे ग्लोबल फाइनेंशियल हब बनाने की ओर अग्रसर है।
ठीक है, तो समझ लीजिए कि अगर आप एनआरआई हैं और इंश्योरेंस पॉलिसी की खरीद के बारे में सोच रहे हैं, तो गांधीनगर के आईएफएससी में रजिस्टर करा लें। आने वाले वक्त में ये आपके फाइनेंशियल अरेंजमेंट्स को एक नई दिशा दे सकता है।
अलबत्ता, अब की बार बजट से न सिर्फ देश के अंदर बल्कि एनआरआई बंधुओं को भी खूब राहत मिली है। आखिरकार, भारत का फाइनेंशियल ग्लोबल सेंटर बनने की बाट अब काफी तेज़ रफ्तार पकड़ चुकी है।