सूक्ष्म वित्त संस्थानों (Microfinance Institutions – MFIs) के नेटवर्क एमएफआईएन (MFIN) ने समाज के कमजोर वर्गों को कर्ज देने के लिए नए और सख्त नियम लागू करने का ऐलान किया है। ये बदलाव भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बार-बार जताई गई चिंताओं के बाद किए गए हैं। इन नियमों का उद्देश्य जिम्मेदार ऋण देने को बढ़ावा देना और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। आइए, इन नए बदलावों को विस्तार से समझते हैं।
क्या हैं नए बदलाव?
1. एक ग्राहक के लिए ऋण सीमा
- अब किसी उधारकर्ता को अधिकतम तीन एमएफआई (Microfinance Institutions) से ही कर्ज लेने की अनुमति होगी। पहले यह सीमा चार थी।
- किसी भी ग्राहक की कुल ऋण देनदारी (एमएफआई और अन्य असुरक्षित कर्ज सहित) को दो लाख रुपये तक सीमित कर दिया गया है।
2. गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) पर सख्ती
- जिन ग्राहकों ने 60 दिन से अधिक समय तक 3,000 रुपये या इससे अधिक का बकाया नहीं चुकाया है, उन्हें आगे कर्ज नहीं दिया जाएगा।
- पहले यह समयसीमा 90 दिन थी।
3. शुल्क पर प्रतिबंध | नहीं लगेगा एक्स्ट्रा पैसा
- एमएफआई अब कर्ज की प्रक्रिया शुल्क और जीवन बीमा शुल्क के अलावा कोई अन्य शुल्क नहीं ले सकते।
21 अक्टूबर 2024 को, आरबीआई ने चार वित्तीय संस्थानों (नवी फिनसर्व, डीएमआई फाइनेंस, आरोहण फाइनेंशियल सर्विसेज और आशीर्वाद माइक्रो फाइनेंस) को अनुचित गतिविधियों के कारण नए कर्ज देने से रोक दिया।