भारत सरकार बैंक जमा पर बीमा सुरक्षा की सीमा को ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख करने पर विचार कर रही है। यदि यह प्रस्ताव पास होता है, तो यह फरवरी 2020 के बाद पहली बार होगा जब डिपॉजिट इंश्योरेंस की सीमा में बदलाव किया जाएगा।
💼 वित्त मंत्रालय और एजेंसियां कर रही हैं तैयारी
सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित एजेंसियां बीमा सीमा बढ़ाने की कार्यान्वयन प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं। जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। यह कदम देशभर के खाताधारकों में विश्वास और सुरक्षा की भावना को मजबूत करेगा।
🏦 DICGC को सौंपी जाएगी बढ़ी हुई बीमा जिम्मेदारी
डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC), जो कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की पूर्ण स्वामित्व वाली संस्था है, भारत के सभी कमर्शियल बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, और सहकारी बैंकों के खातों पर बीमा कवर देती है।
वर्तमान में किसी बैंक के डूबने या मोरेटोरियम (नियंत्रण) में जाने की स्थिति में खाताधारकों को ₹5 लाख तक की राशि सुरक्षित मिलती है। प्रस्तावित बदलाव के बाद यह सीमा ₹10 लाख तक बढ़ाई जा सकती है।
📜 बीमा सीमा का इतिहास: 1962 से अब तक
डिपॉजिट इंश्योरेंस की शुरुआत 1962 में केवल ₹1,500 की सीमा के साथ हुई थी। समय-समय पर इसे बढ़ाया गया:
| वर्ष | बीमा सीमा |
|---|---|
| 1962 | ₹1,500 |
| 1976 | ₹20,000 |
| 1980 | ₹30,000 |
| 1993 | ₹1,00,000 |
| 2020 | ₹5,00,000 |
| प्रस्तावित | ₹10,00,000 |
2020 में PMC बैंक संकट के बाद ₹5 लाख की सीमा लागू की गई थी। अब फिर से इसे बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है।
⏱️ बैंक डूबने की स्थिति में 90 दिन में मिलती है बीमित राशि
DICGC के मौजूदा नियमों के अनुसार, अगर कोई बैंक डूब जाता है या सरकार द्वारा मोरेटोरियम में डाल दिया जाता है, तो खाताधारकों को 90 दिनों के भीतर बीमा राशि मिल जाती है। प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
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बैंक को 45 दिनों के भीतर DICGC को दावा भेजना होता है।
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DICGC अगले 45 दिनों के भीतर भुगतान जारी करता है।
💰 किन खातों को मिलता है बीमा कवर?
डिपॉजिट इंश्योरेंस निम्नलिखित खातों को कवर करता है:
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सेविंग्स खाता
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फिक्स्ड डिपॉजिट
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रेकरिंग डिपॉजिट
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करंट अकाउंट
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सहकारी बैंकों के खाते
👉 बीमा सीमा प्रति खाताधारक प्रति बैंक होती है, जिसमें ब्याज और मूलधन दोनों शामिल होते हैं। यानी यदि आपके एक ही बैंक में कई खाते हैं, तो सभी को मिलाकर ₹5 लाख (या प्रस्तावित ₹10 लाख) तक ही कवर मिलेगा।
📈 क्यों ज़रूरी है बीमा सीमा बढ़ाना?
विशेषज्ञों का मानना है कि:
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छोटे और ग्रामीण खाताधारकों में बैंकिंग पर भरोसा बढ़ेगा
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अधिक लोग औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जुड़ेंगे
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जमा राशियों में वृद्धि हो सकती है
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सहकारी बैंकों और निजी बैंकों में संकट की स्थिति में राहत मिलेगी
🏛️ बजट या वित्तीय सुधारों के तहत हो सकता है ऐलान
वित्त मंत्रालय जल्द ही RBI, DICGC और बैंकिंग क्षेत्र के प्रतिनिधियों से चर्चा कर अंतिम निर्णय लेगा। उम्मीद की जा रही है कि यह घोषणा आगामी आम बजट में या उससे पहले किसी आर्थिक सुधार पैकेज का हिस्सा बन सकती है।




