सऊदी अरब ने अपने परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बड़े बदलाव के लिए कई महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की घोषणा की है। इन लक्ष्यों में राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क का 50 प्रतिशत से अधिक विस्तार और हवाई अड्डों की यात्री क्षमता को दोगुना से भी अधिक करना। यह पहल सऊदी अरब के उस बड़े लक्ष्य का हिस्सा है, जिसके तहत वह खुद को एक वैश्विक लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करना चाहता है।
सऊदी अखबार Akhbar24.com के अनुसार, ये योजनायें सऊदी अरब के परिवहन और लॉजिस्टिक्स सेवा मंत्री सालेह अल जासिर ने पेश कीं। वह Global Aviation and Maritime Transport Summit में “परिवहन का भविष्य गढ़ना: लोग, तकनीक और नीति” नामक एक उच्च स्तरीय पैनल सत्र में बोल रहे थे। अल जासिर ने कहा कि सरकार एक ऐसा परिवहन तंत्र विकसित करने की दिशा में लगातार प्रगति कर रही है, जो पूरी तरह से एकीकृत (integrated) हो, लोगों को केंद्र में रखकर डिजाइन किया गया हो और तकनीक और दूरदर्शी नीतियों द्वारा संचालित हो।
अल जासिर ने बताया कि सऊदी अरब की रणनीति के केंद्र में “नेशनल ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक्स स्ट्रैटेजी” है, जिसे 2021 के मध्य में लॉन्च किया गया था। यह रणनीति Vision 2030 का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को विविध बनाना और तेल पर निर्भरता कम करना है।
इस योजना की मुख्य पहलों में शामिल है:
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विशेषीकृत लॉजिस्टिक्स ज़ोन का विकास,
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जो समुद्री, हवाई और ज़मीनी परिवहन प्रणालियों को कस्टम संचालन और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर से जोड़कर मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन को बढ़ावा देंगे।
एक प्रमुख उदाहरण है जेद्दा इस्लामिक पोर्ट में बनाया जा रहा इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स ज़ोन, जो जल्द ही किंग अब्दुलअज़ीज़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से ‘लैंड ब्रिज रेलवे प्रोजेक्ट’ के माध्यम से जुड़ जाएगा। अल जासिर ने कहा इन प्रयासों से माल ढुलाई की प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित होगी, देशभर में बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी और संचालन में आ रही रुकावटें काफी हद तक कम होंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि एकीकृत राष्ट्रीय डिजिटल लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म (Unified National Digital Logistics Platform) ने बड़ी सफलता हासिल की है। यह सिस्टम कस्टम विभाग, बंदरगाहों, एयरलाइंस और फ्रेट फॉरवर्डर्स को आपस में जोड़ता है और इसके माध्यम से कस्टम क्लीयरेंस का समय 30% से अधिक घटाया जा चुका है।




