देश में बढ़ती महंगाई से आम लोगों के लिए दिनोंदिन मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं और सब्जियों से लेकर एफएमसीजी आइटम्स भी महंगे होते जा रहे हैं. अब इसी कड़ी में एक ऐसी खबर आई है जो घर बनाने वालों या कंस्ट्रक्शन कराने वालों के लिए चिंताएं बढ़ा सकती हैं. सीमेंट कीमतों को लेकर ये खबर आई है. अभी पिछले महीने ही सीमेंट के दामों में 3-4 रुपये प्रति बैग का इजाफा देखा गया था और अब नवंबर में भी सीमेंट के बैग के रेट बढ़ने वाले हैं.
एमके ग्लोबल ने दी सीमेंट कीमतों पर रिपोर्ट
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने कहा है कि सीमेंट कंपनियां नवंबर में कीमतों में 10 रुपये से 30 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी करने की योजना बना रही हैं. एमके ग्लोबल ने हाल ही में एक सेक्टोरियल रिपोर्ट में कहा कि सीमेंट कंपनियां 22 नवंबर को सभी क्षेत्रों में 10-30 रुपये प्रति बैग की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रयास कर रही हैं. इन कीमतों में बढ़ोतरी का खुलासा अगले कुछ दिनों में किया जाएगा.
देश के अलग-अलग भागों में सीमेंट कीमतों पर रिपोर्ट
एमके ग्लोबल ने कहा, अक्टूबर 2022 में औसत अखिल भारतीय सीमेंट मूल्य वृद्धि लगभग 3-4 रुपये प्रति बैग थी. महीने-दर-महीने (एमओएम) के आधार पर, कीमतों में पूर्व और दक्षिण में 2-3 फीसदी और पश्चिम में लगभग एक फीसदी की बढ़ोतरी हुई. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में 1-2 फीसदी की गिरावट आई है.
अक्टूबर में दिखा मांग पर असर
उच्च आधार के कारण, 22 अक्टूबर को उद्योग की मात्रा में उच्च एकल-अंक योय और निम्न दोहरे अंकों वाले एमओएम से गिरावट की संभावना थी. रिपोर्ट के अनुसार, मानसून की देरी से बाहर निकलने और त्योहारी छुट्टियों के कारण श्रमिकों की कमी ने 2022 के अक्टूबर की मांग को प्रभावित किया. आने वाले हफ्तों में मांग में सुधार की उम्मीद है, सभी प्रमुख त्यौहार समाप्त हो रहे हैं और एक व्यस्त निर्माण सीजन की शुरूआत हो रही है.
सीमेंट इंडस्ट्री पर कम होगा दबाव
एमके ग्लोबल ने कहा कि, लागत में बढ़ोतरी, सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी और आने वाली तिमाहियों में निर्माण गतिविधियों में तेजी के साथ आने वाली तिमाहियों में उद्योग के लोगों के लिए लागत दबाव कम होने की उम्मीद है और उद्योग मार्जिन दूसरी तिमाही में नीचे रहने की उम्मीद है. अंतरराष्ट्रीय पेटकोक की कीमतें 195 डॉलर प्रति टन के शिखर से करीब 30 फीसदी नीचे हैं. एमके ग्लोबल ने कहा कि इसके अलावा ईंधन की कीमतों में गिरावट से वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही से लागत में कम से कम 150-200 रुपये प्रति टन की बचत होने की उम्मीद है.