दूध की कीमतों में वृद्धि
देश में दूध की कीमतों में पिछले एक साल में 10 फीसदी और तीन साल में तकरीबन 22 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। देश के कई राज्यों में बाढ़ और असमान बारिश के चलते पशुओं का चारा महंगा हुआ है। वित्त वर्ष के दौरान दूध के दामों में और चार से पांच फीसदी तक की वृद्धि की आशंका है।
डेयरी उद्योग की चुनौतियां
रेंटिग एजेंसी क्रिसिल के निदेशक पूषन शर्मा ने बताया कि डेयरी उद्योग दूध उत्पादन में आने वाली लागत की भरपाई कर पाने में पिछड़ रहा है। कोरोना के बाद से ही उनका उत्पादन लागत संतुलन बिगड़ा हुआ है।
दूध की कीमतों में बढ़ोतरी
पशु चारे के दामों में बढ़ोतरी के चलते दूध उत्पादक खुदरा दाम बढ़ाने पर मजबूर हो रहे हैं। डेयरी कंपनियां पहले के मुकाबले ज्यादा और ऊंचे दामों पर दूध खरीद रही हैं। देश में पिछले एक दशक में दूध की कीमत भले ही 57 फीसदी के करीब बढ़ी हो, लेकिन पिछले एक साल के भीतर दूध के दाम में 10 रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है।
भविष्य की दृष्टि
यदि अगस्त सितंबर में खराब मानसून से उत्पादकता प्रभावित होती है और चारे के दाम बढ़ते हैं तो दूध की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी
विषय | जानकारी |
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दूध की कीमतों में वृद्धि | एक साल में 10%, तीन साल में 22% |
पशुओं का चारा | बाढ़ और असमान बारिश के चलते महंगा |
अगली वृद्धि | वित्त वर्ष में चार से पांच फीसदी तक और वृद्धि संभव |
डेयरी उद्योग की स्थिति | लागत की भरपाई करने में पिछड़ा हुआ |
दूध खरीदारी की कीमत | ऊंची हुई, पहले के मुकाबले ज्यादा |
भविष्यवाणी | खराब मानसून और महंगे चारे से कीमतें बढ़ सकती हैं |