अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2025 में अबू धाबी की अर्थव्यवस्था लगभग 6% और दुबई की 3.4% की दर से बढ़ेगी। यह अनुमान IMF के मध्य पूर्व और मध्य एशिया विभाग के निदेशक डॉ. जिहाद अज़ौर ने दुबई इंटरनेशनल फाइनेंशियल सेंटर (DIFC) में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पेश किया।
📌 UAE की GDP ग्रोथ खाड़ी देशों में सबसे आगे
IMF के अनुसार, UAE की कुल आर्थिक वृद्धि 2025 में 4.8% रहने की संभावना है, जबकि 2026 में यह लगभग 5% तक पहुंच सकती है — जो GCC देशों में सबसे तेज़ वृद्धि मानी जा रही है।
🏗️ किन सेक्टरों से मिल रही है रफ्तार?
IMF के मुताबिक UAE की मजबूत ग्रोथ के पीछे मुख्य रूप से ये सेक्टर जिम्मेदार हैं:
-
Tourism (पर्यटन)
-
Financial Services (वित्तीय सेवाएं)
-
Real Estate (रियल एस्टेट)
इसके अलावा OPEC+ समझौते में ढील के बाद अबू धाबी में तेल उत्पादन बढ़ने से भी अर्थव्यवस्था को सीधा फायदा मिल रहा है।

🌍 प्रवासी समुदाय (Expat Workers) के लिए क्या मायने?
UAE की तेज़ आर्थिक वृद्धि का सीधा असर वहाँ बसे प्रवासी समुदाय पर भी पड़ता है — खासकर भारत, पाकिस्तान, नेपाल, फिलीपींस और बांग्लादेश जैसे देशों के लाखों कामगारों और पेशेवरों पर।
-
नई नौकरियों के अवसर बढ़ने की संभावना
-
रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी और सर्विस सेक्टर में भर्ती तेज हो सकती है
-
सैलरी ग्रोथ और करियर मूवमेंट की संभावनाएं मजबूत
-
विज़िट से रेज़िडेंसी और रेज़िडेंसी से PR/Long-Term Golden Visa की दिशा में लाभकारी माहौल
दुबई और अबू धाबी की अर्थव्यवस्था जितनी तेज़ गति से आगे बढ़ती है, उतना ही प्रवासी कामगारों, बिज़नेस मालिकों, और नौकरी तलाशने वालों के लिए वातावरण बेहतर होता है।
🛫 क्योंकि UAE की ग्रोथ = प्रवासियों की लाइफ़लाइन
यह एक तथ्य है कि UAE की सर्विस-ड्रिवन अर्थव्यवस्था की रीढ़ प्रवासी कर्मचारी और उद्यमी ही हैं।
IMF के ये नए अनुमान यह संकेत देते हैं कि:
-
बाजार स्थिर रहेगा
-
बिज़नेस फ्रेंडली माहौल जारी रहेगा
-
नौकरी और कमाई के अवसर कम नहीं होंगे
यानी आने वाला समय — खासकर दुबई और अबू धाबी — प्रवासियों के लिए सकारात्मक दिखता है।




