भारत से इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर लगे बैन को फिर एक महीने के लिए बढ़ा दिया है। यह बैन अब 31 जुलाई तक जारी रहेगा। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने यह जानकारी दी है। हालांकि, कुछ देशों में तमाम शर्तों के साथ यात्रा अभी भी की जा सकती है। ऐसे में अगर आज उड़ानों को खोला जाता है तो इससे एविएशन इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिल सकती है।
सालभर से प्रतिबंध लगा है
कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले साल 23 मार्च को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया था। 25 मई से घरेलू उड़ानें फिर से शुरू हो गई थीं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध जारी है। हालांकि, विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार वंदे भारत मिशन के तहत विशेष अभियान चला रही है।
साथ ही बायो बबल के तहत भी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें चल रही हैं। जैसे सउदी अरब, दुबई, मॉरीशस, यूक्रेन, स्विटजरलैंड और अन्य देशों में उनकी शर्तों के तहत यात्रा की जा सकती है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इस महीने की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर 30 जून 2021 तक प्रतिबंध जारी रखने की घोषणा की थी।
लॉकडाउन के बाद डोमेस्टिक ऑपरेशन 25 मई से खुला
कोरोना शुरू होने के बाद शेड्यूल्ड डोमेस्टिक ऑपरेशन 25 मार्च 2020 से रोक दिया गया था। हालांकि, 25 मई से इसे कुछ शर्तों और प्री-कोविड लेवल के मुकाबले एक-तिहाई कैपेसिटी के साथ धीरे-धीरे खोलना शुरू किया गया।
हवाई किराए पर न्यूनतम और अधिकतम सीमा लगाई गई थी, ताकि विमानन कंपनियां बहुत ज्यादा किराया न लें और सिर्फ जरूरी कार्यों के लिए ही हवाई यात्रा हो। 3 दिसंबर 2020 को फ्लाइट कैपेसिटी को बढ़ाकर प्री-कोविड स्तर के 80% तक कर दिया गया था। इससे पहले यह 70% था। घरेलू फ्लाइट को 80% क्षमता के साथ ही चलाना होगा।
रोजाना 4 लाख यात्री यात्रा करते थे
कोरोना के आने से पहले एक दिन में घरेलू रूट पर 4 लाख यात्री यात्रा करते थे। 25 मई 2020 को जब फ्लाइट शुरू हुई तो 30 हजार यात्री रोजाना यात्रा कर रहे थे। हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर के बाद कभी-कभार यात्रियों की संख्या 3 लाख 13 हजार तक भी पहुंची, जो प्री-कोरोना के लेवल के करीब है।
मई में 21 लाख यात्रियों ने यात्रा की
आंकड़े बताते हैं कि मई 2021 में कुल 21 लाख यात्रियों ने यात्रा की थी। अप्रैल में 57 लाख और मार्च में 78 लाख यात्रियों ने यात्रा की थी। हर विमानों में यात्रियों की बात करें तो मई में इनकी संख्या कुल संख्या की तुलना में 39-70% रही थी। यह अप्रैल में 52 से 70 और मार्च में 64 से 75% थी। घरेलू फ्लाइट 1 जून से 50% की क्षमता के साथ फ्लाइट चला सकती हैं। 12 जून को समाप्त हफ्ते में रोजाना 83 हजार लोगों ने यात्रा की है। यह मई में 75 हजार था। इस वजह से भारतीय विमानन कंपनियों को रोजाना 50-60 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।