तालिबानी अधिकारियों के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान में आए शक्तिशाली भूकंप में कम से कम 1130 लोगों की मौत हो गई है और 600 से अधिक घायल हुए हैं.
सोशल मीडिया पर आ रही तस्वीरों में वहां हुए भारी भूस्खलन और तहस-नहस हुए मिट्टी के घर दिख रहे हैं.
सबसे ज़्यादा नुक़सान पूर्वी प्रांत पक्तिका में हुआ है, वहां बचाव दल घायलों के इलाज के लिए कोशिश कर रहे हैं.
इस प्रांत में बड़ी संख्या में घर मलबे में तब्दील हो गए हैं. यहाँ से आ रही तस्वीरों में घायलों को स्ट्रेचर में ले जाते देखा जा सकता है. दूर-दराज़ के इलाक़ों से हेलिकॉप्टर के ज़रिए घायलों को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है.
तालिबान के नेता हिब्तुल्लाह अखुंदजादा ने बताया है कि सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं और मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है.
तालिबान के आपदा प्रबंधन के उप मंत्री शरफ़ुद्दीन मुस्लिम ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कम-से-कम 920 लोग मारे गए हैं और 600 से अधिक घायल हुए हैं.
जानकारी के मुताबिक़, भूकंप का केंद्र दक्षिणी पूर्वी शहर ख़ोस्त से 44 किलोमीटर दूर स्थित था.
भूकंप के झटके अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और भारत तक महसूस किए गए. जानकारी के मुताबिक़, भूकंप के झटके अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक महसूस किए गए.
तालिबान के एक प्रवक्ता बिलाल करीमी ने ट्वीट के ज़रिए जानकारी दी है कि भूकंप में सैकड़ों लोगों की जान गई है. करीमी ने प्रभावित ज़िलों के नाम नहीं बताए. भूकंप स्थानीय समय के अनुसार, आधी रात के बाद 1.30 बजे (भारत के अनुसार रात 2.30 बजे) आया. उस समय लोग अपने घरों में सो रहे थे.
अफ़ग़ानिस्तान के पक्तिका प्रांत के अलावा भूकंप का असर ख़ोस्त, गज़नी,लोगार, काबुल, जलालाबाद और लग़मन में भी हुआ है.
तालिबानी अधिकारियों ने राहत एजेंसियों से भूकंप से प्रभावित देश के पूर्वी इलाक़ों में पहुंचने का अनुरोध किया है.
एक स्थानीय डॉक्टर ने बीबीसी को बताया है कि हताहत होने वाले ज़्यादातर लोग पक्तिका प्रांत के गयान और बरमाल ज़िलों के हैं. स्थानीय वेबसाइट इतिलाते रोज़ के अनुसार गयान ज़िले का एक पूरा गांव बर्बाद हो गया है.
दशकों से युद्ध से जूझ रहे अफ़ग़ानिस्तान ने भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए कोई ख़ास उपाय अब तक नहीं किए हैं. ऐसे में आपदाओं के आने पर देश के लिए उससे निबट पाना बहुत कठिन हो जाता है. हालांकि राहत एजेंसियों ने पिछले कुछ सालों में कई इमारतों को मज़बूत बनाया है.
अमेरिका के जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा है कि रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.1 थी. भूकंप का केंद्र ख़ोस्त से 44 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम दिशा में था.
अफ़ग़ानिस्तान के ग्रामीण इलाक़ो में अधिकतर घर मिट्टी के होते हैं जो भूकंप के झटके सह नहीं पाते हैं. इसी कारण वहां नुकसान भी अधिक होता है.