चुनाव आयोग ने धनबल के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए कमर कस ली है। इस बार चुनाव को निष्पक्ष बनाने के लिए दिल्ली में बड़े पैमाने पर निगरानी का सिस्टम बनाया गया है। आयकर विभाग, जीएसटी विभाग, कस्टम विभाग जैसी तमाम एजेंसियां इस काम में दिन-रात जुटी हुई हैं। आइए, समझते हैं कि चुनाव में होने वाले गड़बड़ लेनदेन पर लगाम लगाने के लिए क्या-क्या हो रहा है।
कौन-कौन रख रहा है नज़र?
- आयकर विभाग: बैंकों में हो रहे संदिग्ध लेनदेन पर आयकर विभाग की पैनी नजर है। इसके साथ ही गोपनीय सूचनाओं को जुटाने में भी इनकी टीम लगी है।
- जीएसटी विभाग: हर तरह की खरीद-फरोख्त पर जीएसटी विभाग नजर बनाए हुए है। खासकर कपड़े के बिल पर खास नजर है, क्योंकि चुनाव प्रचार में कपड़े बांटना आम बात है।
- कस्टम विभाग: हवाई अड्डों पर कस्टम विभाग ने अपनी चौकसी बढ़ा दी है। वो आयकर विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
क्या-क्या हो रहा है खास?
- अचानक से बड़ा ऑर्डर देने वाली कंपनियों या कारोबारियों पर पूछताछ की जा सकती है। जैसे अगर कोई कारोबारी अब तक सिर्फ पुरुषों के कपड़े खरीदता था, और अचानक से महिलाओं के कपड़े खरीदने लगा है तो उसपर शक किया जा सकता है।
- दिल्ली के सभी जिलों में जिला निर्वाचन कार्यालय की तरफ से बनाए गए कंट्रोल रूम के साथ तालमेल बिठाकर आयकर विभाग की टीमें चौबीस घंटे अलर्ट हैं।
- कहीं भी 10 लाख से ज्यादा कैश बरामद होने पर आयकर विभाग को तुरंत खबर की जाएगी, जिसके बाद वो इसकी जांच करेगा।
- बैंकों से कहा गया है कि हर 5 दिन के अंदर अपने बैंक में होने वाले संदिग्ध लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग के साथ साझा की जाए।
आम आदमी का क्या रोल है?
चुनावों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में आम लोगों की अहम भूमिका है। कहीं भी आपको कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आए, तो इसकी सूचना देने में देर न करें। चुनाव आयोग की हेल्पलाइन नंबर 1800-11-2828 पर कॉल करके आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।