Delhi underground tube tunnels: दिल्लीवासियों को अब भंयकर जाम से थोड़ी सी राहत मिलने वाली है. इसको लेकर सीएम रेखा गुप्ता ने एक बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों के लिए 24,000 करोड़ रुपये की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है.
सीएम ने बताया कि केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने छह नई परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई है. उनमें से एक परियोजना पांच किलोमीटर लंबा वह टनल मार्ग भी शामिल है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य साउथ दिल्ली और एनसीआर का यातायात संतुलित करना है और साथ ही साथ प्रदूषण को भी नियंत्रित करना है. यह प्रस्तावित पूरे क्षेत्र को बदल देगा. शिव मूर्ति महिपालपुर (द्वारका एक्सप्रेसवे) से नेल्सन मंडेला मार्ग (वसंत कुंज) तक का यह टनल मार्ग कई सड़कों से यातायात को कम करने के साथ-साथ सिग्नल फ्री भी कर देगा.
Delhi underground tube tunnels: राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के द्वारा किया जाएगा टनल का निर्माण
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि इस टनल का निर्माण निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के द्वारा किया जाएगा. इसका निर्माण करने में लगभग 3,500 करोड़ रुपए की लागत खर्च होगी. उन्होंने बताया कि हाल ही के दिनों में केंद्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में हुई बैठक में इस परियोजना को स्वीकृति प्राप्त हुई है. आने वाले तीन सालों के भीतर में इस टनल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. यह सुरंग दो अलग-अलग टनल के रुप में बनायी जाएगी जिसमें तीन-तीन लेन होंगी. इसके तहत कुल छह लेन की सुविधा होगी.
आधुनिक सुविधाओं से पूरी तरह से लैस होगी टनल
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यह हाई-टेक सुरंग न केवल दक्षिणी दिल्ली को द्वारका और गुरुग्राम से जोड़ेगी. इसके साथ ही यह एक सिग्नल-फ्री वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करेगी. टनल इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम, वेंटिलेशन, अग्निशमन व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, नियंत्रण कक्ष और आपातकालीन निकासी मार्ग जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी. इसका निर्माण होने से रंगपुरी, धौला कुआं, राव तुला राम मार्ग और NH-48 पर यातायात का दबाव भी कम होगा.
सीएम ने कहा कि यह टनल दिल्ली के पूर्वी और मध्य हिस्सों को दिल्ली एक्सप्रेसवे, एनएच-44, एनएच-10, दिल्ली-जयपुर राजमार्ग (एनएच-48), दिल्ली-दून एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड जैसे प्रमुख मार्गों को जोड़ेगी. इससे मार्गों और राजमार्गों पर यातायात की भीड़भाड़ तो कम होगी. इसके साथ ही प्रदूषण से भी मुक्ति मिलेगी. अगले साल की शुरुआत में प्रोजेक्ट शुरु हो जाएगा.




