केंद्र सरकार ने किसानों के हित में तीन बड़े फैसले लिए हैं, जिनसे उन्हें सीधा फायदा पहुंचेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बताया कि बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) हटाने का फैसला किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा। इसके साथ ही सरकार ने खाद्य तेल और प्याज पर भी अहम फैसले लिए हैं।
1. बासमती चावल से MEP हटाया
केंद्र सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को हटाने का निर्णय लिया है। इस फैसले से बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों को अपनी फसल का बेहतर दाम मिल सकेगा। यह फैसला किसानों की आमदनी को बढ़ाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।
2. खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाया
सरकार ने तिलहन किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया है। अन्य शुल्क जोड़ने पर यह प्रभावी शुल्क 27.5% हो जाएगा। इससे खासकर सोयाबीन और मूंगफली जैसे तिलहन के किसानों को फायदा होगा।
केंद्रीय मंत्री चौहान ने बताया कि रिफाइंड ऑयल के लिए भी मूल शुल्क को 32.5% तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है, जिससे देश के तिलहन किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलेगा।
3. प्याज निर्यात शुल्क में कटौती
प्याज के निर्यात शुल्क को 40% से घटाकर 20% कर दिया गया है। यह फैसला प्याज किसानों के लिए राहत लेकर आया है, जिससे उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा और निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। चाहे प्याज का निर्यात शुल्क कम करना हो या खाद्य तेलों का आयात शुल्क बढ़ाना, इन फैसलों से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।”
गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा, “किसानों की फसल का अधिक मूल्य मिल सके, इसके लिए सरकार निर्यात को बढ़ा रही है। इन फैसलों से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।”