• About
  • Career
  • Contact
  • Team
  • Policies
  • Privacy Policy
  • Correction Policies
  • Fact-Checking Policy
  • Newsletter
शनिवार, दिसम्बर 6, 2025
GulfHindi
  • Login
  • India
  • UAE
  • Saudi
  • Qatar
  • Kuwait
  • Bahrain
  • Oman
  • Yemen
  • Automotive
  • Finance
  • World
No Result
View All Result
GulfHindi
  • India
  • UAE
  • Saudi
  • Qatar
  • Kuwait
  • Bahrain
  • Oman
  • Yemen
  • Automotive
  • Finance
  • World
GulfHindi
No Result
View All Result
  • India
  • UAE
  • Saudi
  • Kuwait
  • Bahrain
  • Qatar
  • Oman
  • Finance
  • Automotive
  • World
  • Yemen
Home India

समस्या गिरता रुपया नहीं, गिरते हमलोग हैं. रुपया 100 के पार भी चला जाएगा लेकिन आपको असल बात समझ नहीं आएगा.

Lov Singh by Lov Singh
दिसम्बर 6, 2025
in India
0
0
SHARES
11
VIEWS

हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर एक दिलचस्प—और उतना ही भ्रामक—दावा तेज़ी से प्रसारित हुआ है कि भारतीय रुपये की तुलना अफ़गान अफ़गानी से करने पर अफ़गानिस्तान की अर्थव्यवस्था भारत से “बेहतर” प्रतीत होती है। आधार यह दिया जाता है कि जहां 1 अमेरिकी डॉलर के बदले लगभग ₹90 मिलते हैं, वहीं लगभग 65 अफ़गानी। इसी तर्क के आधार पर कुछ स्वघोषित आर्थिक विश्लेषक निष्कर्ष निकाल लेते हैं कि जिसकी मुद्रा “मजबूत” दिखाई दे, उसकी अर्थव्यवस्था भी उतनी ही मजबूत होती है।

यदि यही मानक है, तो 1 USD = 156 Japanese Yen को देखकर क्या हम यह मान लें कि अफ़गानिस्तान जापान से भी अधिक संपन्न हो गया?
बेशक नहीं।
यह तर्क अपनी सतही सरलता में जितना आकर्षक है, वास्तविकता से उतना ही दूर।


भारतीय अर्थव्यवस्था का पैमाना और आवश्यकता

भारत लगभग 150 करोड़ लोगों का देश है—एक विशाल उपभोक्ता बाजार, जिसकी मांग पूरी करने के लिए व्यापक आयात आवश्यक है। ऊर्जा से लेकर पूंजीगत वस्तुओं तक, भारत कई स्तरों पर विदेशी वस्तुओं पर निर्भर है। स्वाभाविक है कि जब डॉलर का प्रवाह देश से बाहर जाता है, तो मुद्रा पर कुछ दबाव पड़ता है। यह दबाव किसी आर्थिक संकट का संकेत नहीं, बल्कि वैश्विक व्यापार व्यवस्था का सामान्य परिणाम है।


अर्थशास्त्र में मुद्रा का मूल्य न तो देश की संपन्नता का पूर्ण पैमाना है, न ही राष्ट्रीय विकास का सूचक। अधिक महत्वपूर्ण है यह देखना कि अर्थव्यवस्था किस प्रकार उत्पादन, रोजगार, निवेश और स्थिरता सुनिश्चित कर रही है।


रुपये की नियंत्रित अवमूल्यन: उद्देश्य और रणनीति

बहुत से देश—चीन, दक्षिण कोरिया और जापान इसके प्रमुख उदाहरण हैं—विकास के चरण में अपनी मुद्रा को नियंत्रित रूप से कमजोर रहने देते हैं। इससे उनके निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी बनते हैं और वैश्विक बाजार में उनकी सेवाओं और श्रम की मांग बढ़ती है।
भारत भी इसी सिद्धांत पर कार्य करता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक मुद्रा को “गिरने” नहीं देता, उसे प्रबंधित करता है—यही अंतर है। नियंत्रित अवमूल्यन से भारतीय IT, सेवा क्षेत्र और मैन्युफैक्चरिंग को महत्वपूर्ण लाभ मिलता है और यह भारत को वैश्विक निवेश के लिए अधिक आकर्षक बनाता है।


कुछ मूलभूत तुलना जो अक्सर छूट जाती है

देश GDP
भारत $4.1 ट्रिलियन
अफ़गानिस्तान ~$14 बिलियन

सिर्फ मुद्रा विनिमय दर देखकर किसी अर्थव्यवस्था की ताकत मापना वैसा ही है जैसे किसी व्यक्ति की संपत्ति केवल उसके बटुए के कागज़ों की संख्या से आंकना।
मुद्रा का मूल्य अनेक कारकों से प्रभावित होता है—राजकोषीय नीति, व्यापार संतुलन, राजनीतिक स्थिरता, उत्पादन क्षमता, आयात–निर्यात चक्र, भू-राजनीतिक जोखिम और बाजार का भरोसा।

भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था की तुलना केवल दो अंकों की विनिमय दर से करना न केवल भूल है, बल्कि आर्थिक विश्लेषण के मूल सिद्धांतों की उपेक्षा भी है।


अंत में: आंकड़ों का नहीं, समझ का महत्व

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था—जापान—यदि मुद्रा के मूल्य से आँकी जाए, तो वह कई छोटे देशों से “कमज़ोर” दिखाई देती है। यह स्वयं इस दावे की कमज़ोरी का सबसे स्पष्ट प्रमाण है।

इसलिए जब भी कोई व्यक्ति केवल विनिमय दर देखकर किसी राष्ट्र की आर्थिक क्षमता का आकलन करने का दावा करे, तो यह याद रखना चाहिए कि अर्थव्यवस्था का मूल्यांकन उसके उत्पादन, स्थिरता, रोजगार क्षमता और वैश्विक विश्वास से होता है, न कि उसके नोट पर लिखे अंकों से।

थोड़ी सी आर्थिक समझ बहुत सी गलतफहमियों से बचा सकती है।

ShareTweetSendShare
Previous Post

UAE से आगे निकला Saudi Arab. बुर्ज खलीफा से उचा 1 KM लंबा टावर बनवाने लगे MBS सलमान. प्रवासियों को भरपूर नौकरी का ऐलान.

Lov Singh

Lov Singh

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

Related Posts

Saudi

UAE से आगे निकला Saudi Arab. बुर्ज खलीफा से उचा 1 KM लंबा टावर बनवाने लगे MBS सलमान. प्रवासियों को भरपूर नौकरी का ऐलान.

by Lov Singh
दिसम्बर 6, 2025
0

रेड सी के उत्तरी तट पर फिर से बुलडोज़र चलने लगे हैं, कैमरे उस अधूरी कंक्रीट संरचना की ओर मुड़ने लगे हैं, जो वर्षों से क्षितिज पर...

Read moreDetails

UAE 🇦🇪 ने बदला नियम. प्रवासियों के जगह निवासियों को नौकरी देना हुआ अनिवार्य. कंपनी पर लगा 108,000 AED का जुर्माना

दिसम्बर 6, 2025

Dubai से India जा रही फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग. Emirates के विमान में बम होने की Email से मचा हड़कंप

दिसम्बर 6, 2025

अंबानी की 16 संपतियाँ जब्त, बैंक लोन के साथ ऐसा धोखाधड़ी की बंद हो गया बड़ा प्राइवेट बैंक.

दिसम्बर 6, 2025
Please login to join discussion
Facebook Twitter LinkedIn Youtube Whatsapp

Welcome to GulfHindi.com

GulfHindi.com Started in Year 2014 as online community converted into website by year 2019. We are thankful to our reader and their engagement with us. We server general purpose day to day helpful contents in news, finance, automotive and expats related issues or updates inside and outside India.

Gulfhindi.com

About Us.

  • About
  • Career
  • Contact
  • Correction Policies
  • Fact-Checking Policy
  • Privacy Policy
  • Team

Contact Us

GulfHindi, Anand villa 201, DPS more, Priyadarshi Nagar, Patna, Bihar, India 801503
Email: hello@gulfhindi.com
Mobile: 9504756906

© 2025 GulfHindi.com | RR Sanchar Nagar, T6/301, 801105, Danapur, Patna, Bihar | Email: hello@gulfhindi.com | Mob: 9504756906

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
No Result
View All Result
  • India
  • UAE
  • Saudi
  • Qatar
  • Kuwait
  • Bahrain
  • Oman
  • Yemen
  • Automotive
  • Finance
  • World

© 2025 GulfHindi.com | RR Sanchar Nagar, T6/301, 801105, Danapur, Patna, Bihar | Email: hello@gulfhindi.com | Mob: 9504756906