गाजा में पानी की आपूर्ति प्रणाली के लगभग ध्वस्त हो जाने के कारण क्षेत्र मानव निर्मित सूखे की चपेट में है. यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर ने जिनेवा में पत्रकारों से कहा बच्चे प्यास से मरने लगेंगे… केवल 40 प्रतिशत पीने के पानी के उत्पादन केंद्र अब भी काम कर रहे हैं.
गाजा में सहायता की अनुमति लेकिन हमास तक न पहुंचे सुविधा
इस बीच, अमेरिका और इज़राइल समर्थित ‘गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ नामक एक नई संस्था के ज़रिए ग़ज़ा में राहत पहुंचाई जा रही है, जिसमें निजी अमेरिकी सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स कंपनियां शामिल हैं. ये संस्थाएं कुछ सीमित स्थानों पर, इज़राइली बलों की निगरानी में, सहायता वितरित कर रही हैं. इज़राइल का कहना है कि वह गाजा में सहायता पहुंचने की अनुमति देगा, लेकिन यह सुनिश्चित करेगा कि वह हमास तक न पहुंचे. हमास ने इस आरोप से इनकार किया है और कहा है कि इज़राइल भूख को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.
“यह प्रणाली शर्मनाक है” – UNRWA
फिलिप लाज़ारिनी, संयुक्त राष्ट्र की फिलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी (UNRWA) के प्रमुख ने वर्तमान राहत वितरण प्रणाली को एक शर्मनाक व्यवस्था और हमारी सामूहिक अंतरात्मा पर धब्बा”बताया.
जनसंहार और भुखमरी की स्थिति
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक इज़राइल के सैन्य हमलों में 55,600 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और लगभग पूरी आबादी बेदखल हो चुकी है. विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने चेतावनी दी है कि “बीते चार हफ्तों में भेजा गया 9,000 मीट्रिक टन भोजन ज़रूरत का एक बहुत छोटा हिस्सा है.” भूख से जूझ रहे लोग अब सड़क किनारे खड़े होकर राहत वाहनों का इंतज़ार कर रहे हैं, जिससे झड़पों और हिंसा की आशंका भी बढ़ रही है. WFP ने कहा: “अगर भूखे लोगों की जान बचाने के प्रयास में हिंसा होती है, तो यह पूरी तरह अस्वीकार्य है.”
गाजा के लोग बोले: “हम भूल दिए गए हैं”
उत्तरी ग़ज़ा के निवासी, 47 वर्षीय शाबान आबेद ने कहा हो सकता है कि हम ईरान से इज़राइल पर हुए रॉकेट हमलों को देखकर थोड़ा खुश हों, लेकिन हर दिन इस युद्ध का जारी रहना दर्जनों निर्दोषों की जान ले रहा है. हम बस चाहते हैं कि गाजा युद्ध का भी कोई ठोस समाधान निकले… हमें भुला दिया गया है.




