रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले पांच सालों में रेलवे सिग्नलिंग में 13 बार खराबी आई, हालांकि, इंटरलॉकिंग सिस्टम में कोई खराबी के चलते कोई हादसा नहीं हुआ है।
बालासोर रेल हादसा का कारण
वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि ओडिशा के बालासोर में हुई दुर्घटना में 295 लोगों की मौत हुई थी और 176 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। यह दुर्घटना सिग्नलिंग-सर्किट में बदलाव के कारण हुई थी।
गलत सिग्नलिंग ने ली 295 जानें
दुर्घटना तब हुई जब शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। वैष्णव ने बताया कि ट्रेन को गलत सिग्नल मिली, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी का कोई सबूत नहीं
अश्विनी वैष्णव ने कहा, “पिछले 5 सालों में इंटरलॉकिंग सिग्नल सिस्टम में खराबी के कारण कोई घटना नहीं हुई है। किसी भी विशेषज्ञ ने रेलवे के इंटरलॉकिंग सिग्नलिंग सिस्टम में कोई खामी या कमी नहीं बताई है।”
हादसा में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा
मंत्री ने सदन को बताया कि हादसे में मरने वाले हर एक व्यक्ति के परिजनों को 10 लाख रुपये, घायलों को 2 लाख रुपये और प्रत्येक यात्री को 50,000 रुपये दिए गए हैं।
बालासोर रेल हादसा: महत्वपूर्ण जानकारी सारणी
विषय | विवरण |
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दुर्घटना का स्थान | बालासोर, ओडिशा |
मृतक संख्या | 295 |
घायलों की संख्या | 176 |
हादसे का कारण | सिग्नलिंग खराबी |
मुआवजा | प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10 लाख, घायलों को 2 लाख, प्रत्येक यात्री को 50,000 रुपये |