आगे दरें बढ़ने की उम्मीद कम
तमाम रिपोर्ट से यह पता चल रहा है कि आरबीआई अब रेपो दर में वृद्धि के आक्रामक चरण को रोक सकता है। हो सकता है कि यह अगली बार नीतिगत दर में 0.25 फीसदी की बढ़त और कर दे, पर उसके बाद वृद्धि को कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में जब आरबीआई अपनी रफ्तार रोकेगा तो बैंक भी जमा या कर्ज पर दरें बढ़ाने की गति रोक देंगे।
- ऐसे में अनुमान है कि अब बैंकों के एफडी पर भी ब्याज न बढ़े।
- वैसे भी पिछले 9 महीने में बैंकों ने एफडी पर ब्याज में 2 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है।
- 3-5 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं तो कर सकते हैं इक्विटी बाजार का रुख।
इन सरकारी बैंकों में सर्वाधिक ब्याज दर
बैंक | अवधि | सामान्य | वरिष्ठ नागरिक |
एसबीआई | 400 दिन | 7.10% | 7.60% |
यूनियन बैंक | 800 दिन | 7.30% | 7.80% |
पीएनबी | 666 दिन | 7.25% | 7.75% |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | 200 दिन | 7.00% | 7.50% |
केनरा बैंक | 400 दिन | 7.15% | 7.65% |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 399 दिन | 7.05% | 7.55% |
बैंक ऑफ इंडिया | 444 दिन | 7.05% | 7.55% |
सेंट्रल बैंक | 444 दिन | 7.35% | 7.85% |
8% तक होगा सरकारी बैंकों में फिक्स डिपॉजिट ब्याज दर.
अगर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के तरफ से रेपो रेट में 0.25% की बढ़ोतरी और की जाती है तो वैसे स्थिति में ऊपर बताए गए सरकारी बैंकों के ब्याज दर बढ़कर 8% तक आसानी से हो सकते हैं. इन स्थितियों का फायदा उठाने के लिए अगर आप अभी फिक्स डिपाजिट इत्यादि करने का प्लान बना रहे हैं तो आप थोड़ा ठहर जाएं और होने वाले अगले MPC बैठक का इंतजार करें.