भारतीय आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस ने नए इंजीनियरों के लिए खजाना खोल दिया है। कंपनी ने एंट्री-लेवल सैलरी में भारी बढ़ोतरी करते हुए चुनिंदा टेक्नोलॉजी रोल्स के लिए सालाना 21 लाख रुपये तक का पैकेज ऑफर करने का फैसला किया है। इंफोसिस का यह कदम ‘एआई-फर्स्ट’ (AI-First) और डिजिटल-स्पेशलाइज्ड टैलेंट पर अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति का एक अहम हिस्सा है। इस नई पहल के साथ ही इंफोसिस अब कैंपस प्लेसमेंट में फ्रेशर्स को सबसे ज्यादा सैलरी देने वाली भारतीय आईटी कंपनियों की सूची में शामिल हो गई है।
स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर से लेकर डिजिटल इंजीनियर तक, जानिए किस रोल के लिए मिलेगी कितनी सैलरी और क्या है स्ट्रक्चर
इंफोसिस ने अलग-अलग स्किल्स और रोल्स के हिसाब से सैलरी के कई बैंड तैयार किए हैं। इसमें सबसे आकर्षक पैकेज ‘स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर L3’ (Trainee) के लिए है, जहाँ चयनित उम्मीदवारों को लगभग 21 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिलेगा। इसके बाद ‘स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर L2’ के लिए करीब 16 लाख रुपये और ‘L1’ लेवल के लिए 11 लाख रुपये सालाना का ऑफर रखा गया है। इसके अलावा, कंपनी ने ‘डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर’ (Traineड) के लिए भी लगभग 7 लाख रुपये का बेस पैकेज तय किया है, जो पारंपरिक एंट्री-लेवल सैलरी से काफी बेहतर है।
साल 2025 और 2026 बैच के इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए इंफोसिस में करियर शुरू करने का शानदार मौका
यह बंपर भर्ती अभियान विशेष रूप से 2025 और 2026 बैच के छात्रों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें बी.ई. (BE), बी.टेक (BTech), एम.ई. (ME), एम.टेक (MTech), एमसीए (MCA) और इंटीग्रेटेड एम.एस.सी (MSc) के ग्रेजुएट्स आवेदन कर सकते हैं। कंपनी खास तौर पर कंप्यूटर साइंस, आईटी, ईसीई (ECE) और ईईई (EEE) जैसी सर्किट ब्रांच के छात्रों को प्राथमिकता दे रही है। इंफोसिस की योजना कैंपस और ऑफ-कैंपस दोनों माध्यमों से हायरिंग करने की है। शुरुआती चरण में कंपनी का लक्ष्य करीब 20,000 फ्रेशर्स की भर्ती करना है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा इन हाई-पेयिंग स्पेशलिस्ट रोल्स के लिए चुना जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग के दौर में प्रीमियम टैलेंट को आकर्षित करने के लिए कंपनी का बड़ा दांव
इतने भारी-भरकम पैकेज के पीछे मुख्य वजह टेक्नोलॉजी की दुनिया में तेजी से हो रहा बदलाव है। इंफोसिस अब पूरी तरह से “AI-First” मॉडल की ओर बढ़ रही है। आज के दौर में जनरेटिव एआई (Generative AI), क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सिक्योरिटी और डेटा इंजीनियरिंग जैसी हाई-एंड स्किल्स की मांग आसमान छू रही है। कंपनी का मानना है कि इन नीश (niche) स्किल्स में माहिर टैलेंट को अपने साथ जोड़ने के लिए प्रीमियम सैलरी देना वक्त की जरूरत है। जहां टीसीएस (TCS), विप्रो (Wipro) और एचसीएल (HCL) जैसी कंपनियां सामान्य फ्रेशर्स को 3.5 से 7 लाख रुपये के बीच ऑफर करती हैं, वहीं इंफोसिस का 21 लाख रुपये का ऑफर टैलेंट वॉर को और तेज कर देगा।
कोडिंग और हाई-टेक स्किल्स वाले छात्रों के लिए मास-हायरिंग वाली भीड़ से हटकर अपनी पहचान बनाने का अवसर
छात्रों के लिए इसका सीधा मतलब यह है कि अगर उनके पास मजबूत कोडिंग, सिस्टम डिजाइन और एआई/एमएल (AI/ML) की स्किल्स हैं, तो वे अब 4-5 लाख रुपये वाले “मास-हायरिंग” पैकेज से ऊपर उठकर सीधे स्पेशलिस्ट ट्रैक में जा सकते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये उच्च वेतन वाले पैकेज केवल चुनिंदा और हाई-स्किल्ड रोल्स के लिए ही हैं। सामान्य डेवलपर या सपोर्ट रोल्स के लिए बेस सैलरी अभी भी 4 से 5.5 लाख रुपये की रेंज में ही रहेगी, इसलिए इन प्रीमियम पदों को पाने के लिए छात्रों के बीच प्रतियोगिता बेहद कड़ी होने वाली है।





