टेलीकॉम ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया के बोर्ड द्वारा इक्विटी और डेट के माध्यम से ₹45,000 करोड़ तक के फंड इकठ्ठा करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद बुधवार को कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। बीएसई पर वोडाफोन आइडिया के शेयर 9.95% तक गिरकर ₹14.29 प्रति शेयर पर पहुंच गए ।
वोडाफोन आइडिया ने कहा कि वह इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स के मिले-जुले रूप से ₹20,000 करोड़ जुटाएगी और बाकी राशि कर्ज (debt) के माध्यम से जुटाई जाएगी। प्रस्तावित इक्विटी में कंपनी के प्रमोटर भी हिस्सा लेंगे।
इस संबंध में कंपनी 2 अप्रैल, 2024 को अपने शेयरधारकों की बैठक बुलाएगी। शेयरहोल्डर की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी आने वाली तिमाही में इक्विटी फंड जुटाने की प्रक्रिया को पूरा करने की उम्मीद कर रही है।
वोडाफोन आइडिया ने एक विज्ञप्ति में कहा, “इसके अलावा, कंपनी कर्ज (debt) कोष जुटाने के लिए भी अपने उधारदाताओं (lenders) के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है, जो इक्विटी फंड जुटाने के बाद किया जाएगा। इक्विटी और कर्ज के संयोजन से कंपनी लगभग ₹45,000 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है।” वोडाफोन आइडिया का बैंक कर्ज वर्तमान में ₹4,500 करोड़ से कम है।
कंपनी इस फंड का इस्तेमाल 4G कवरेज बढ़ाने, 5G नेटवर्क रोलआउट और क्षमता विस्तार के लिए करेगी। कंपनी का कहना है कि ये निवेश उसकी बाज़ार में स्थिति को सुधारेंगे और ग्राहकों को बेहतर अनुभव दे पाएंगे।
विशेषज्ञ का मत
Nuvama Institutional Equities इस फंडराइज़िंग के कदम को वोडाफोन आइडिया के लिए एक अच्छी शुरुआत के रूप में देखता है, हालांकि, फंड जुटाने का विस्तृत ढांचा अभी भी अस्पष्ट है। ₹2.5 लाख करोड़ के कुल कर्ज (बैंक कर्ज ₹4,500 करोड़ तथा स्पेक्ट्रम/एजीआर बकाया ₹2.1 लाख करोड़ सहित) के साथ, इक्विटी जुटाने का सीमित वित्तीय प्रभाव होने की संभावना है।
वोडाफोन आइडिया की वित्तीय स्थिति अभी भी चिंताजनक है। कंपनी के सामने अभी भी बड़े पैमाने पर कर्ज, ग्राहकों की लगातार कमी, और 5G नेटवर्क अपग्रेड करने में असमर्थता जैसी चुनौतियां मौजूद हैं।
नोट: इस ब्लॉग पोस्ट में दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं। निवेश करने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह लेना आवश्यक है।