कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण नहीं हो पाने से लोगों के आवागमन पर बार-बार लग रही बंदिशों के कारण उड्डयन के क्षेत्र पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। यात्रियों की संख्या में कमी आने से एयरलाइंस कंपनियों को काफी नुकसान हो रहा है। कई हवाई मार्गों पर बहुत कम यात्री मिल रहे हैं। इसी कारण हाल ही में घोषित समर शेड्यूल से इंदौर का कई शहरों और राज्यों से सीधा संपर्क टूट गया है, जबकि समर शेड्यूल से नई उड़ानों की उम्मीद की जा रही थी। अब इंदौर का उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल का सीधा जुड़ाव ही खत्म हो गया है, जबकि जयपुर उड़ान बंद होने से राजस्थान की राजधानी से भी सीधा जुड़ाव टूट गया है।
वैसे तो समर शेड्यूल में उड़ान कंपनियों ने 26 अक्टूबर तक इंदौर से 44 नई उड़ानें शुरू करने की अनुमति नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक (डीजीसीए) से ली है। 28 मार्च से लागू हुए समर शेड्यूल में इंदौर से लखनऊ, कोलकाता, जयपुर के साथ शिरडी उड़ान को भी बंद कर दिया है। जानकारी के अनुसार शिरडी उड़ान को पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे थे। कंपनी ने सप्ताह में 6 दिन चलने वाली इस उड़ान को सप्ताह में तीन दिन भी चलाया। इसके अलावा तीन दिन इसे अहमदाबाद के लिए भी चलाया, फिर भी पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे थे। इसी तरह जयपुर, कोलकाता और लखनऊ के लिए भी यात्री नहीं मिलने से एयरलाइंस को घाटा हो रहा था।
ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन आफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष हेमेंद्रसिंह जादौन बताते हैं कि किसी भी एयरलाइंस को अगर कुल क्षमता के 65 से 70 प्रतिशत भी यात्री मिलते हैं तो उस उड़ान को सफल माना जाता है। एयरलाइंस को नुकसान नहीं होता है और उसका संचालन करती रहती है। लेकिन इससे कम यात्री होने से एयरलाइंस को नुकसान होता है। फिर उस उड़ान को बंद कर कंपनी फायदे वाले अन्य मार्ग पर उड़ानें संचालित करती है। छोटे शहरों में यह दिक्कत होती ही है। उसमें कभी यात्री मिलते हैं, कभी नहीं मिलते हैं। लखनऊ के साथ यही हो रहा था। उसमें कभी पूरी सीट भर रही थी, कभी केवल नाममात्र के यात्री मिल रहे थे। कोरोना के मामलों में इजाफा होने के कारण भी लोग कम यात्रा कर रहे हैं।
जयपुर में केवल त्योहारी उड़ान
विशेषज्ञ बताते हैं कि इंदौर से जयपुर की उड़ान बंद चालू होती रहती है। ट्रैवल एजेंट आपसी भाषा में इसे बेटी-बहू फ्लाइट कहते हैं। दरअसल यहां से जयपुर घूमने या काम से जाने के बजाय ज्यादातर लोग अपने रिश्तेदारों या शादी में शामिल होने जाते हैं। जब शादी-ब्याह का समय होता है तो इसमें ज्यादा यात्री मिलते हैं। अब गर्मी आ गई तो इसमें यात्री मिलना कम हो गए हैं, इसलिए कंपनी ने इसे बंद कर दिया। बाद में इसे फिर से चालू कर लिया जाएगा।
यात्रियों को है यह नुकसान
जादौन के अनुसार किसी भी शहर के लिए सीधी उड़ान होने से यात्रियों को सबसे बड़ा फायदा होता है कि उनके समय की बचत हो जाती है, लेकिन सीधी उड़ान नहीं होने से यात्री को कनेक्टिंग उड़ान लेनी होती है। आप इसे ऐसे समझें कि इंदौर से जयपुर जाने वाले यात्री 50 मिनट में वहां पहुंच जाते थे, लेकिन अब यात्रियों को पहले दिल्ली या मुंबई जाना होगा। वहां से वे जयपुर जा सकेंगे। इसमें अधिक समय लग जाएगा।
हर बार बंद होती हैं इन शहरों की उड़ानें
इंदौर से राजस्थान के जोधपुर, जयपुर की सीधी उड़ानें थीं, लेकिन उन्हें बंद कर दिया गया। अब राजस्थान के लिए केवल किशनगढ़ की उड़ान बची है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के लिए पहले प्रयागराज और लखनऊ की उड़ानें थीं, जो अब बंद हो गई हैं। केवल दिल्ली, चंडीगढ़, रायपुर, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, बेलागावी, किशनगढ़, मुंबई, गोवा, पुणे, अहमदाबाद और नागपुर की सीधी उड़ान इंदौर से बची हैं।