भारत के शेयर बाजार में $1 बिलियन तक की इक्विटी इनफ्लो संभावित है, क्योंकि 20 सितंबर को FTSE All World और FTSE All Cap इंडेक्स में अर्धवार्षिक पुनर्संतुलन (semi-annual rebalancing) हुआ है। ऐसे पुनर्संतुलन से वैश्विक बाजारों में भारतीय कंपनियों के शेयरों की मांग बढ़ती है, जिससे निवेशकों को मजबूत लाभ मिलने की संभावना होती है। इस तरह के इंडेक्स बदलाव वैश्विक पैसिव फंड्स के निवेश प्रवाह को प्रभावित करते हैं, जो कि भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
FTSE इंडेक्स में कौन-कौन से शेयर होंगे प्रभावित?
Nuvama Alternative & Quantitative Research के अनुसार, कुछ प्रमुख भारतीय कंपनियों जैसे ICICI Bank, Kotak Mahindra Bank, GMR Airports, और Tata Technologies के इंडेक्स में वज़न बढ़ने से इन कंपनियों में कुल $338 मिलियन तक की निवेश प्रवाह होने की संभावना है। इसका मतलब है कि इन कंपनियों के शेयरों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है, जो निवेशकों के लिए अच्छे रिटर्न का मौका प्रदान करेगा।
इसके अलावा, IRB Infrastructure Developers, Cochin Shipyard, और KEI Industries जैसी कंपनियां FTSE All-World Index में जुड़ी हैं, जो इनके प्रति वैश्विक निवेशकों का ध्यान आकर्षित करेगी। इसी तरह, FTSE All Cap Index में Five-Star Business Finance, Godfrey Philips India, और Eris Lifesciences जैसी 53 नई कंपनियों की एंट्री हुई है, जो इस सेक्टर की कंपनियों के भविष्य में विस्तार और वृद्धि की संभावनाओं को दर्शाती हैं।
पैसिव और सक्रिय निवेश का असर
शुक्रवार को ₹7,000 से 8,000 करोड़ का विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) पैसिव फंड्स से आया था, जिसका असर बाजार में विशेष रूप से बड़े निजी बैंकों जैसे ICICI Bank और Kotak Mahindra Bank पर देखने को मिला। यह प्रवाह निवेशकों की उस धारणा को भी मजबूत करता है कि भारतीय बाजार अभी भी वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक है।
FTSE जैसे वैश्विक इंडेक्स में शामिल होने का मतलब यह होता है कि बड़ी संख्या में वैश्विक पैसिव फंड्स (जो इंडेक्स को ट्रैक करते हैं) उन कंपनियों के शेयरों में निवेश करेंगे। इससे बाजार में स्थिरता और संभावित दीर्घकालिक निवेश में सुधार हो सकता है।
दीर्घकालिक निवेशकों के लिए अवसर
FTSE इंडेक्स में भारतीय कंपनियों का अधिक शामिल होना न केवल भारतीय शेयर बाजार की मजबूत स्थिति को दर्शाता है, बल्कि दीर्घकालिक निवेशकों के लिए भी एक सुनहरा मौका है। इन कंपनियों में निवेश का मतलब है कि न केवल निकट भविष्य में उनके शेयरों की कीमतों में वृद्धि देखने को मिलेगी, बल्कि दीर्घावधि में भी इन कंपनियों की वित्तीय स्थिति और स्थिरता मजबूत हो सकती है।
इसलिए, निवेशक इस मौके का फायदा उठाते हुए इन कंपनियों में दीर्घकालिक दृष्टिकोण से निवेश पर विचार कर सकते हैं, खासकर जब वैश्विक आर्थिक स्थिति अनिश्चित हो और भारत को एक स्थिर और तेजी से विकसित हो रहे बाजार के रूप में देखा जा रहा हो।