भारत सरकार ने सोने के आयात नियमों में बदलाव किया है। अब गोल्ड आयात करने वाली कंपनियों को “भारतीय मानक ब्यूरो (BIS)” से प्रमाणित होना जरूरी होगा। इस फैसले का असर सीधे तौर पर ज्वेलरी की कीमतों और सोने के अंतरराष्ट्रीय दामों पर पड़ेगा — खासकर उन भारतीयों पर जो UAE में रहते हैं और अक्सर भारत से गहने खरीदते हैं।
🔶 क्या बदला है नियम
भारत सरकार ने गोल्ड आयात के नियमों में संशोधन किया है। अब कोई भी व्यापारी या कंपनी तभी सोना आयात कर सकेगी जब उसके पास वैध GST नंबर और BIS प्रमाणन होगा। इसका उद्देश्य नकली या गैर-मानक सोने के आयात पर रोक लगाना है।
भारतीय प्रवासी (Expats) के लिए दुबई/यूएई से गोल्ड लाने की लिमिट (2025)
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पुरुष यात्रियों के लिए: 20 ग्राम स्वर्ण (गोल्ड) या जिसकी कीमत ₹50,000 तक हो, वह बिना कस्टम्स ड्यूटी के भारत ला सकते हैं।
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महिला यात्रियों के लिए: 40 ग्राम गोल्ड या जिसकी कीमत ₹1,00,000 तक हो, वह बिना कस्टम ड्यूटी के ला सकती हैं।
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बच्चों के लिए भी 40 ग्राम तक की सीमा होती है, बशर्ते उचित कागजात हों।
शर्तें एवं नियम
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यह लिमिट केवल उन यात्रियों के लिए है जो विदेश में कम से कम 6 महीने से अधिक समय तक रहे हों।
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इसके अलावा, यह सीमा केवल ज्वेलरी के लिए होती है, गोल्ड कॉइन्स या बार के लिए इस पर ड्यूटी लागू होती है।
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अगर निर्धारित सीमा से अधिक गोल्ड लाया जाता है, तो उसे कस्टम पर घोषित करना जरुरी है और उस पर ड्यूटी देनी होगी।
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कस्टम ड्यूटी दरें गोल्ड की मात्रा पर निर्भर करती हैं, छोटे अतिरिक्त मात्रा पर लगभग 3% से लेकर बड़े अतिरिक्त मात्रा पर 10% तक हो सकती हैं।
कस्टम ड्यूटी और दस्तावेज़
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यात्रियों को गोल्ड की खरीद के बिल, प्यूरीटी सर्टिफिकेट और पहचान पत्र के साथ कस्टम अफसरों को प्रस्तुत करना होता है।
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बिना घोषणा किए या दस्तावेज़ नहीं दिखाने पर गोल्ड जब्त हो सकता है और जुर्माना भी हो सकता है।
अतिरिक्त जानकारी
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दुबई से भारत लौटने वाले प्रवासी 1 किलो तक गोल्ड ला सकते हैं, बशर्ते वे उचित कस्टम ड्यूटी का भुगतान करें।
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भारत सरकार ने 2025 में गोल्ड आयात ड्यूटी को 6% पर रखा है, जिसमें बेसिक कस्टम ड्यूटी 5% और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर एवं डेवलपमेंट सेक्शन 1% है।
यह नियम भारतीय नागरिकों और यूएई में रहने वाले भारतीय प्रवासियों पर लागू होते हैं ताकि गोल्ड लेन-देन पारदर्शी और नियमबद्ध हो सके।
अगर आप दुबई से गोल्ड लाने की योजना बना रहे हैं, तो अपने कागजात और बिल साथ रखें, सीमा से अधिक गोल्ड लाने पर कस्टम ड्यूटी जरूर चुकाएं, और नियमों का पालन करें ताकि कोई दिक्कत न हो।
🔶 ज्वेलरी उद्योग पर असर
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शुरुआती दौर में कई कंपनियां नई प्रक्रिया के कारण आयात नहीं कर पाएंगी।
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सोने की आपूर्ति घटने से भारत में ज्वेलरी महंगी हो सकती है।
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दस्तावेज़ी खर्च, टैक्स अनुपालन और बोली प्रणाली से लागत बढ़ेगी।
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बाद में, जब सभी कंपनियां नियमों के अनुरूप हो जाएंगी, तो बाजार स्थिर होने की उम्मीद है।

🇦🇪 UAE में रह रहे भारतीयों पर असर
UAE के भारतीय अक्सर भारत से गहने मंगवाते या अपनी छुट्टियों में खरीदते हैं। यदि भारत में सोना महंगा होता है, तो:
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भारत में गहनों की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे NRI खरीदारों का खर्च बढ़ेगा।
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दुबई गोल्ड मार्केट में मांग बढ़ सकती है, क्योंकि लोग वहीं से खरीदना पसंद करेंगे।
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भारत को भेजे जाने वाले सोने पर मार्जिन बढ़ेगा, जिससे निवेश और शादी के सीज़न में कीमतों का सीधा असर पड़ेगा।
🔶 क्यों उठाया गया कदम
हाल के महीनों में भारत में सोने का आयात बहुत बढ़ गया था, जिससे व्यापार घाटा बढ़ा। सरकार ने यह कदम विदेशी मुद्रा संतुलन और घरेलू उद्योग की गुणवत्ता सुधारने के लिए उठाया है।
| पहलू | पुराना नियम | नया नियम | असर |
|---|---|---|---|
| प्रमाणन | जरूरी नहीं | BIS प्रमाणन जरूरी | आयात घटेगा |
| GST नंबर | वैकल्पिक | अनिवार्य | सीमित व्यापारी |
| कीमत | स्थिर | थोड़ी बढ़ सकती है | महंगे गहने |
| आपूर्ति | सामान्य | अस्थायी कमी | बाजार अस्थिर |
| UAE प्रभाव | कम | अधिक | भारतीयों पर खर्च बढ़ेगा |
शुरुआती हफ्तों में भारत में सोने की कीमतें थोड़ी बढ़ सकती हैं, जिससे NRI भारतीयों को भी झटका लग सकता है। हालांकि, जैसे ही नई प्रणाली पूरी तरह लागू हो जाएगी, सोने की आपूर्ति सामान्य होकर कीमतें स्थिर हो जाएंगी।




