कई प्रवासियों ने ट्रांसिट का रास्ता अपनाया था
भारत में बसे प्रवासी जल्द से जल्द यूएई लौटना चाहते हैं। इसके लिए कई प्रवासियों ने ट्रांसिट का रास्ता अपनाया था। हालांकि यह जरिया काफी महंगा और समय लेने वाला है। लेकिन मजबूरन उन्हें यह कदम उठाना ही पड़ा।
जब उनकी मां की तबीयत खराब हुई थी वह 21 मई को भारत आ गई
Dubai resident Sherry Gupta ने बताया कि उन्होंने अपने पिता को 2 मई को खो दिया। ट्रैवल बैन के कारण वह नहीं आ सकी लेकिन जब उनकी मां की तबीयत हद से ज्यादा खराब हुई थी तब वह 21 मई को भारत आ गई।
मां की स्थिति जब ठीक होने लगी तो वह वापस दुबई लौटेगी प्रबंध में जुट गई लेकिन पाबंदी के कारण उनके लिए ऐसा करना मुश्किल साबित हो रहा था।
उनके पति की भी तबियत खराब होने लगी थी
उधर दुबई में उनके पति की भी तबियत खराब होने लगी थी। उन्होंने सोचा कि charter फ्लाइट से वह भारत से दुबई चली जाएंगी। बाद में उन्हें पता चला कि charter फ्लाइट की कीमत लगभग Dh20,000 है, जो कि काफी महंगी है और अधिकारियों के द्वारा तब यह सेवा भी बंद कर दी गई है क्योंकि बहुत सारे ट्रैवल एजेंट के द्वारा धांधली की बात सामने आई थी।
उन्होंने सोचा कि किसी देश से होकर ट्रांजिट कर लेते हैं
बाद में उन्होंने सोचा कि किसी देश से होकर ट्रांजिट कर लेते हैं। लेकिन इसमें समय और पैसे की ज्यादा ही बर्बादी होती। उस समय तुरंत तुरंत यात्रा नियमों में बदलाव भी किए जा रहे थे जिस कारण एक अनजान देश में जाने से पहले काफी कुछ सोचना पड़ रहा था।
उन्हें कोई राह नजर नहीं आ रही थी
उन्होंने अपनी उम्मीद खो दी। उन्होंने Serbia और Armenia से भी ट्रांजिट करने की सोची, लेकिन दोनों देशों के बीच की दूरी फ्लाइट से लगभग 19 घंटे की होती है जिसके बाद लगभग 15 दिन Quarantine रहना काफी खर्चीला और मुश्किल भरा साबित हो सकता था। उन्हें कोई राह नजर नहीं आ रही थी।
मालदीव की दूरी कम है
बाद में उन्हें पता चला कि Maldives ने अपने बॉर्डर खोल दिए हैं। मालदीव की दूरी भारत से 2 घंटे और दुबई से 5 घंटे है। उन्होंने टिकट की बुकिंग कराई। टिकट की बुकिंग हो जाने के बाद भी वह परेशान थी और जाहिर सी बात है उनकी परेशानी तब तक खत्म नहीं होती जब तक कि वह दुबई पहुंच नहीं जाती।
मालदीव का भी सफर महंगा ही था
बताते चले कि मालदीव का भी सफर महंगा ही था लेकिन Sherry Gupta के पास कोई भी दूसरा उपाय नहीं बचा था। इस दौरान उन्हें डर सता रहा था कि नियमों में कहीं बदलाव ना हो जाए। Sherry और उनके पति सोशल मीडिया के बहुत सारे ग्रुप में थे जहां से उन्हें इस बाबत जानकारी मिल रही थी कि मालदीव में क्या-क्या हो रहा है और ट्रांजिट के लिए क्या क्या जरूरी होगा।
इस सफर के दौरान उन्होंने बहुत कुछ सीखा
वह 19 जुलाई को मालदीव पहुंचे। उन्होंने बताया कि इस सफर से वह बहुत खुश हैं और इस सफर के दौरान उन्होंने बहुत कुछ सीखा। वह यूएई वापस अपने घर लौट कर काफी खुश हैं।