भारतीय बाजार बीते दो हफ्तों से लगातार गिरावट का सामना कर रहा है और आज का बाजार धराशायी हो गया है। हालांकि इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले कुछ समय से बाजार संरचनात्मक कमजोरियों का शिकार हो रहा है।
1. भू-राजनीतिक तनाव – यूक्रेन-रूस युद्ध के हालिया घटनाक्रमों से निवेशकों में चिंता बढ़ी है। संघर्ष के उग्र होने की आशंका से विदेशी निवेशक बाजार छोड़ रहे हैं।
2. महंगाई की चिंता – वैश्विक स्तर पर बढ़ती महंगाई और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल का असर भारत पर भी पड़ रहा है। इससे घरेलू मुद्रा कमजोर पड़ी है और बाजार की धार कुंद हो गई है।
3. ब्याज दर बढ़ोतरी की संभावना – अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से निवेशक भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं।
4. कमजोर कमाई अनुमान – कई कंपनियों के कमजोर कमाई अनुमानों ने भी निवेशकों के सेंटिमेंट को प्रभावित किया है।
बाजार के सुधार के लिए भू-राजनीतिक तनाव का कम होना, महंगाई पर नियंत्रण और ब्याज दरों में स्थिरता जरूरी है। साथ ही, भारतीय कंपनियों के अच्छे कमाई नतीजे भी बाजार को सपोर्ट कर सकते हैं। हालांकि, निकट भविष्य में अस्थिरता बनी रहने की संभावना है। निवेशकों को सावधानी से काम लेने की सलाह दी जाती है और दीर्घकालिक नजरिए से निवेश करना चाहिए।