कल्पना कीजिए… आप 36,000 फीट की ऊंचाई पर आसमान में हैं, तेज़ी से उड़ता विमान… और तभी कॉकपिट में बैठा पायलट अचानक बेहोश हो जाए! ना कोई कंट्रोल, ना कोई जवाब… बस एक मशीन है जो आपको लेकर बादलों के बीच उड़ रही है!
कुछ ऐसा ही हुआ लुफ्थांसा की एक फ्लाइट में, जिसका खुलासा अब जाकर कंपनी ने किया है — जबकि हादसा करीब एक साल पहले हुआ था!
क्या था पूरा मामला?
दिन था 17 फरवरी 2024, फ्लाइट नंबर LH-1790 जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से स्पेन के सेविले जा रही थी। एयरबस A321 विमान में 199 यात्री और 6 क्रू मेंबर्स सवार थे। सबकुछ सामान्य चल रहा था। उड़ान के दौरान मुख्य पायलट वॉशरूम चले गए… और कॉकपिट में अकेले रह गए को-पायलट।
और तभी… को-पायलट बेहोश हो गए!
10 मिनट तक ‘बिना ड्राइवर’ के आसमान में उड़ता रहा प्लेन
को-पायलट के बेहोश होते ही विमान पूरी तरह ऑटोपायलट मोड पर चला गया। करीब 10 मिनट तक प्लेन बिना किसी इंसानी कंट्रोल के हवा में उड़ता रहा। इस बीच, बाहर बैठे कैप्टन ने कॉकपिट का दरवाज़ा खोलने की कोशिश की – एक बार, दो बार, तीन बार… पांच बार – लेकिन कोई जवाब नहीं!

अंदर से लॉक कॉकपिट, सबका दिल धड़क उठा
इंटरकॉम से संपर्क की कोशिश भी नाकाम रही। फ्लाइट अटेंडेंट्स परेशान, यात्री अनजान और कैप्टन बुरी तरह चिंतित। आख़िरकार, उन्होंने आपातकालीन कोड डाला, जिससे दरवाज़ा अपने-आप खुल जाता… लेकिन चमत्कार यहीं हुआ!
बेहोश को-पायलट ने आख़िरी क्षणों में दरवाज़ा खोल दिया!
शायद होश की हल्की झलक मिली या उंगली किसी बटन पर दब गई — लेकिन उस पल ने सैकड़ों ज़िंदगियों को बचा लिया।
फौरन बदला गया रूट, इमरजेंसी लैंडिंग
मुख्य पायलट ने तुरंत निर्णय लिया और फ्लाइट को मोड़कर मैड्रिड एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करवाई। वहां को-पायलट को तत्काल अस्पताल ले जाया गया।
अब एक साल बाद लुफ्थांसा ने इस चौंकाने वाली घटना की पुष्टि की है। कंपनी ने बताया कि आंतरिक जांच की गई है, हालांकि रिपोर्ट की पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।




