समय दर्शन है कि किस तरह अखबारों में और मीडिया में ऐलान होने के बावजूद लोगों को सस्ता सरसों तेल नहीं मिल पा रहा है। अखबारों में खबरें छप जाती हैं और मीडिया में यह चर्चा का विषय भी हो जाता है कि सरसों तेल सस्ता हो गया लेकिन यह सस्ता तेल केवल उन खबरों में ही दबकर अगले दिन की तरह बाहर किसी कूड़ेदान में पड़ा रहता है।
यह सस्ता सरसों तेल सस्ते सपने की तरह हैं सस्ते भाव में बिक जाता है लेकिन लोगों के पास नहीं टिक पाता है। कई बार तरकारी ऐलान किए गए कि अब सरसों तेल के मूल्य दर में कमी लाई जाएगी। नए मूल्य दर 10 से ₹12 तो कभी ₹25 तक कम करने के ऐलान किए गए लेकिन यह धरातल पर कभी पहुंच नहीं पाया।
अब सरकार ने फिक्स कर दिया ₹110 प्रति लीटर सरसों तेल का भाव।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है सरकार ने लोगों को सरसों का तेल राशन दुकानों के माध्यम से 110 रुपए प्रति लीटर की दर से उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. सुक्खू ने कहा कि समाज के सभी वर्गों को राहत देने के लिए यह निर्णय लिया गया है.
अन्त्योदय अन्न योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लाभार्थियों को सरसों का तेल 142 रुपए प्रति लीटर की दर पर मिल रहा था और गरीबी रेखा से ऊपर के लाभार्थियों को 147 रुपए प्रति लीटर सरसों का तेल मिल रहा था.
इससे ऊपर के रेट पर अगर दुकानदार सरसों तेल बैठते हैं तो उनके ऊपर कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है। साथ ही साथ मुनाफावसूली का शिकायत पुलिस थाने में भी दर्ज कराया जा सकता है।