बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित पताही हवाई अड्डे के दिन अब फिर से बहुरने वाले हैं। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत इस एयरपोर्ट को फिर से सक्रिय करने की कवायद तेज कर दी गई है। मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों के निवासियों के लिए अच्छी खबर यह है कि नए साल 2026 से यहां से छोटे विमानों की उड़ान सेवाएं शुरू होने की प्रबल संभावना है। एयरपोर्ट के विकास में सबसे अहम बाधा सुरक्षा को लेकर थी, लेकिन अब बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है, जिससे आगे के विकास का रास्ता साफ हो गया है।
सालों के इंतजार के बाद अब 2026 से विमानों की आवाजाही शुरू होने की जगी उम्मीद, सुरक्षा दीवार का काम हुआ पूरा
एयरपोर्ट के पुनर्विकास की दिशा में ताजा स्थिति काफी सकारात्मक है। दिसंबर 2025 तक एयरपोर्ट परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चारदीवारी का काम मुकम्मल कर लिया गया है। सुरक्षा घेरा तैयार होने के बाद अब पूरा फोकस रनवे के निर्माण और मरम्मत पर शिफ्ट हो गया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने इसके विकास की रफ्तार बढ़ा दी है। रनवे के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है और अगले कुछ दिनों में इसके जारी होने की पूरी उम्मीद है, जिससे निर्माण कार्य धरातल पर शुरू हो सके।
मौजूदा रनवे का होगा कायाकल्प और 1250 वर्ग मीटर में बनेगा नया टर्मिनल, दो विमानों की पार्किंग की होगी सुविधा
विकास योजना के ब्लूप्रिंट के अनुसार, एयरपोर्ट पर मौजूद 1300 मीटर लंबे रनवे का पुनर्निर्माण किया जाएगा। शुरुआती चरण में 1050 मीटर लंबे और 30 मीटर चौड़े रनवे को तैयार करने की योजना है, जो छोटे विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त होगा। यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 1250 वर्ग मीटर क्षेत्र में एक आधुनिक टर्मिनल भवन बनाया जाएगा। इसके अलावा, यहां एक साथ दो विमानों के खड़े होने के लिए एप्रन (पार्किंग) का निर्माण भी होगा। इस पूरे प्रोजेक्ट में बाउंड्री वॉल और अन्य शुरुआती कार्यों के लिए 25 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
पायलट ट्रेनिंग अकादमी खोलने के लिए 15 साल का समझौता और 101 एकड़ में फैले परिसर का होगा विस्तार
पताही एयरपोर्ट 101 एकड़ की विशाल जमीन पर फैला हुआ है। वर्तमान में यह जमीन छोटे विमानों के संचालन के लिए पर्याप्त है, लेकिन भविष्य में बड़े विमानों की लैंडिंग के लिए अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता पड़ने पर उसे भी अधिग्रहित करने की योजना है। सिर्फ यात्री सेवा ही नहीं, बल्कि यहां एक विमानन प्रशिक्षण अकादमी (पायलट ट्रेनिंग सेंटर) भी स्थापित की जाएगी, जिसके लिए एएआई के साथ 15 साल का समझौता (MOU) किया गया है। उड़ान सुरक्षा को देखते हुए आसपास की ऊंची इमारतों का सर्वे भी पूरा कर लिया गया है।
उत्तर बिहार के लोगों को पटना या दरभंगा जाने से मिलेगी मुक्ति, दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से जुड़ेगा मुजफ्फरपुर
इस एयरपोर्ट के शुरू होने से उत्तर बिहार की एक बड़ी आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। अब तक मुजफ्फरपुर के लोगों को हवाई यात्रा के लिए पटना या दरभंगा जाना पड़ता था, जिससे उनका काफी समय बर्बाद होता था। स्थानीय सांसद और बिहार के उपमुख्यमंत्री ने इस परियोजना को प्राथमिकता में रखा है और इसे प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के सहयोग से जल्द पूरा करने का संकल्प लिया है। हवाई सेवा शुरू होने से मुजफ्फरपुर सीधे दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों से जुड़ जाएगा, जिससे न केवल आवागमन आसान होगा बल्कि क्षेत्र में रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी पैदा होंगे।




