उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई (CBI) ने तीन बिल्डर परियोजनाओं (Builder Projects) को जांच के घेरे में लिया है। यमुना प्राधिकरण की ये प्रमुख आवासीय योजनाएं अब जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। वहीं दूसरी ओर दो बकायेदार बिल्डरों के कार्यालय सील कर दिए गए हैं।
🔍 कौन-कौन सी परियोजनाएं हैं CBI जांच में?
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की ये 3 प्रोजेक्ट जांच में हैं:
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सेक्टर-17 का सुपरटेक का अपार्टमेंट प्रोजेक्ट
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सेक्टर-22डी का ओएसिस रियलटेक प्रोजेक्ट
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जेनो ग्रुप की कोवा और कासा परियोजनाएं
इन सभी पर भूमि आवंटन से लेकर निर्माण और लेन-देन में अनियमितता के आरोप लगे हैं।
💬 यमुना प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने यह जांच शुरू की है।
📂 क्या है सीबीआई की जांच का दायरा?
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जांच सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा कर रही है।
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CBI ने भूमि आवंटन से जुड़े दस्तावेज, नक्शे, भूखंडों की संख्या और कब्जे की स्थिति की रिपोर्ट मांगी है।
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यमुना प्राधिकरण ने सभी जरूरी दस्तावेज और संकल्प सीबीआई को सौंप दिए हैं।
🗣️ “कुछ परियोजनाओं में प्रमुख दस्तावेजों की कमी पाई गई है।” — अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण
🚫 दो बिल्डर ऑफिस सील, करोड़ों का बकाया!
कार्रवाई के दूसरे चरण में, प्रशासन ने दो बिल्डरों के ऑफिस सील कर दिए हैं:
| 🏢 बिल्डर | 📍 ऑफिस | 💰 बकाया |
|---|---|---|
| एलीगेंट इंफ्राकॉन | ग्रेटर नोएडा | ₹15.01 करोड़ |
| अंतसृष्टि इंजीनियर्स | ग्रेटर नोएडा | ₹11.57 करोड़ |

प्रशासन ने कई बार रिकवरी नोटिस भेजे, लेकिन भुगतान न होने पर सीलिंग की कार्रवाई की गई।
⚠️ क्या है इसका असर?
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इन जांचों से नए खरीदारों में डर है।
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जिन लोगों ने इन प्रोजेक्ट्स में फ्लैट बुक किया है, उन्हें अब कानूनी पेचीदगियों का सामना करना पड़ सकता है।
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भविष्य में बिल्डरों को पारदर्शी तरीके से प्रोजेक्ट लॉन्च करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
मौजूदा समय में अब सबसे बड़ी समस्या हो गई है कि जिन लोगों ने फ़्लैट बुक करा रखे हैं उन लोगों को अब आगे रजिस्टरी लेने में कितनी परेशानियां होंगी। EMI का बोझ चालू रहेगा और इधर प्रॉपर्टी फ़ैस चुकी हैं थोड़ी बहुत.




