न्यूज एजेंसी COGENCIS की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी बैंक Bank of Baroda ने नैनीताल बैंक में अपनी 98.57% हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया है। इस हिस्सेदारी खरीद के लिए 4-5 इन्वेस्टर्स ने रुचि दिखाई है, और इस बिक्री की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष 24 तक पूरी होने की उम्मीद है।

नैनीताल बैंक का इतिहास:

नैनीताल बैंक की स्थापना 1922 में गोविंद बल्लभ पंत और अन्य प्रमुख व्यक्तियों द्वारा की गई थी। इस बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के लोगों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना था।

वर्तमान स्थिति:

  • नैनीताल बैंक में बैंक ऑफ बड़ौदा की 98.57% हिस्सेदारी है।
  • बैंक की कुल नेट वर्थ 607 करोड़ रुपये है।
  • बैंक में 166 ब्रांच और 941 कर्मचारी हैं।
  • बैंक की शाखाएं उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में स्थित हैं।

कर्मचारियों का विरोध:

ऑल इंडिया बैंक ऑफ बड़ौदा कोआर्डिनेशन कमेटी के सचिव जनक रावल और विशिष्ट अतिथि रजनीश गुप्ता ने कर्मचारियों के साथ मिलकर इस निर्णय का विरोध किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर नैनीताल बैंक का निजीकरण होता है, तो इसका खामियाजा जनता और कर्मचारियों को भुगतना पड़ेगा।


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