प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर नकेल कसी है, जो विदेशों में पंजीकृत हैं लेकिन भारत से वित्तीय लेनदेन कर रही हैं. ईडी ने यह पाया कि इन कंपनियों ने अवैध रूप से भारतीय ग्राहकों से प्राप्त 4000 करोड़ रुपए विदेशों में भेजे.
देश भर में छापेमारी।
इस मामले में ईडी ने मुंबई के साथ दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश में 25 जगहों पर छापेमारी की है. इन कंपनियों ने माल्टा, साइप्रस जैसे छोटे देशों में अपनी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कराया है. वित्तीय लेनदेन के लिए भारत के कई शहरों के विभिन्न बैंकों में सैकड़ों बैंक खाते खोले इस काम के लिए हवाला कारोबारी आशीष कक्कड़, नीरज बेदी, अर्जुन अश्विनभाई अधिकारी, अभिजीत खोत की मदद ली गई.
फर्जी बैंक के नाम पर चल रहा था खाता।
ये लोग पाबेलोजॉन, वॉटसन जैसे फर्जी नामों से कारोबार कर रहे थे. कर्मचारियों के कागजात पर ये बैंक खाते खुलवाए हैं.
फेमा का उल्लंघन :
ईडी ने उन पर विदेशी मुद्रा अिधनियम (फेमा) के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए भारत में ग्राहकों से एकत्र धन को विदेश भेजने का आरोप लगाया है. इस पैसे को विदेश भेजने के लिए कुछ फर्जी कंपनियां बनाई गईं. संलग्न दस्तावेज फर्जी थे.
क्या पड़ेगा गेम खेलने वालों पर असर.
फर्जीवाड़े में पकड़े गए गेमिंग एप्लीकेशन के ऊपर में अब नकेल कस दिया गया है जिसके तहत अब मौजूदा खेल रहे लोग वित्तीय लेनदेन को लेकर प्लेटफार्म पर एक्टिविटी नहीं कर पाएंगे.