महज चार-पांच मिनट के अंतराल में यात्री अब पटना एयरपोर्ट पर विमान से उड़ान भर सकेंगे और विमान से उतर सकेंगे। एक माह से नये एटीसी टावर और टेक्निकल ब्लॉक का पैरेलल रन चल रहा है, जो अब तक मामले की निगरानी कर रहे विशेषज्ञों की अपेक्षा पर खड़ा उतरा है. जिसके बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्युरिटी (बीसीएएस) और डीजीसीए को परीक्षण को सफल घोषित करने का आग्रह किया है।
इसकी अनुमति मिलने केर बाद माह के अंत तक नये एटीसी टावर और टेक्निकल ब्लॉक का फुल फ्लेज्ड इस्तेमाल शुरू होने की संभावना है.साथ ही पुराने एटीसी टावर और टेक्निकल ब्लॉक को बंद कर पूरी तरह से नये एटीसी टावर और टेक्निकल ब्लॉक को चलाने की अनुमति मांगी गई है।
इस नये एटीसी टावर की क्षमता पुराने एटीसी टावर के अपेक्षा कई गुनी अधिक है, क्योंकि इसमें विमानों के साथ संचार संपर्क स्थापित करने, उनकी निगरानी करने और परिचालन संबंधी अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं। अत्याधुनिक सीएनएस उपकरण एक साथ कई फ्लाइट पर निगरानी रखने और उन्हें निर्देशित करने में सक्षम हैं. इन सबके कारण अब पहले की तुलना में लगभग आधे समय अंतराल पर ही विमानों का लैंडिंग और टेकऑफ संभव हो सकेगा.
नये भवन में पुुराने भवन की तुलना में लगभग ढाई गुनी अधिक जगह है. जहां छह-सात फायर ब्रिगेड की गाड़ियां लगायी जा सकती हैं.