पौड़ी बस हादसे (Pauri Bus Accident) में अभी तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हादसे में दो युवक ऐसे भी हैं जो मौत के मुंह वापस लौटे हैं. जब बस पलटकर खाई में लुढ़की तो उन्होंने छलांग लगा दी थी. जिससे उनकी जान बच गई. इतना ही नहीं उन्हें खरोंच तक नहीं आई है.
पौड़ीः एक कहावत है ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोई’, यह लाइन उन दो युवकों पर फिट बैठती है जो पौड़ी बस हादसे में मौत के मुंह से बाल-बाल बचकर आए. जी हां, बीरोंखाल में हुए बस हादसे में दो युवकों के साथ किस्मत ने कुछ ऐसा ही कारनामा किया है. दोनों युवक बस में सवार थे. जब बस दो पलटी खाकर खाई की ओर लुढ़की तो दोनों युवकों ने छलांग लगा दी. जिससे उनकी जान बच गई. अब उन्होंने भयावह मंजर की आपबीती बताई है.
बता दें कि बीती 4 अक्टूबर की देर शाम लालढांग से बीरोंखाल के कांडा तल्ला गांव जा रही बारातियों से भरी बस सिमड़ी के पास खाई में गिर गई थी. इस दर्दनाक हादसे में अभी तक 33 लोगों की मौत हो गई है. जबकि, 17 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डीजीपी अशोक कुमार (Uttarakhand DGP Ashok Kumar) के मुताबिक, अभी तक 15 शव खाई से बाहर निकाल लिये गये हैं. बताया जा रहा है कि इस बस में करीब 46 से 50 लोग सवार थे.
पौड़ी हादसे की पूरी कहानी सुनिएवहीं, इस बस हादसे (Pauri Bus Accident) में दो युवकों के साथ चमत्कार हुआ है. बस के पलटते ही दो युवक करिश्माई तरीके से कूद गए. जिससे इन युवकों को एक खरोंच तक नहीं लगी है. युवकों ने बस पलटने के भयानक दृश्य की आपबीती बताई. उन्होंने बताया कि बस बारातियों से भरी हुई थी. जैसे ही सिमड़ी गांव के पास पहुंची तो बस में किसी पुरजे के जोर से टूटने की आवाज सुनाई दी और बस सीधे खाई की ओर लुढ़कना शुरू हो गई.
युवकों ने बताया कि जैसे ही बस ने दो पलटी मारी तो वो बाहर कूद गए. जिससे दोनों युवकों की जान बच गई. युवकों को यह मंजर भूले नहीं भूल रहा है. वहीं, प्रशासन व जानकारों की मानें तो बस के पट्टे टूटने से यह हादसा हुआ. इस दर्दनाक बस हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद घटनास्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू की जानकारी जुटाई. साथ ही हादसे में घायलों से भी मिले.