बैंक में खाता खोलना और पैसे जमा करना तो आम बात है, लेकिन अब बैंकों ने मिनिमम बैलेंस न रखने पर पेनल्टी वसूलने की नई प्रथा शुरू कर दी है। अगर आप अपने खाते में एक निश्चित न्यूनतम राशि नहीं रखते हैं, तो बैंक आपसे 300 से 600 रुपये तक का जुर्माना वसूल सकते हैं।
मिनिमम बैलेंस क्या है?
मिनिमम बैलेंस वह राशि है, जो बैंक अपने ग्राहकों से खाते में हमेशा बनाए रखने की उम्मीद करता है। अगर खाता धारक इस राशि को मेंटेन नहीं करता, तो बैंक पेनल्टी लगाता है। कई बैंकों में यह राशि मासिक औसत होती है, जिसे एवरेज मंथली मिनिमम बैलेंस कहा जाता है, जबकि कुछ बैंक तिमाही आधार पर भी मिनिमम बैलेंस मेंटेन रखने की उम्मीद करते हैं।
PNB की वसूली
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने पिछले 5 सालों में अपने ग्राहकों से मिनिमम बैलेंस न रखने के लिए 1,538 करोड़ रुपये की वसूली की है। इसी तरह, इंडियन बैंक ने 1,466 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने 1,251 करोड़ रुपये, और केनरा बैंक ने 1,158 करोड़ रुपये की वसूली की है।
SBI का कदम
देश का सबसे बड़ा बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), ने इस प्रकार के चार्जेस को वसूलना बंद कर दिया था क्योंकि इससे नकारात्मक प्रचार हो रहा था।
अन्य चार्जेस
इसके अलावा, बैंक कई अन्य चार्जेस भी आपसे वसूलते हैं, जैसे कि लोन और अकाउंट ओपनिंग के समय डॉक्यूमेंटेशन चार्ज, स्टेटमेंट की नकल मांगने पर शुल्क, पेमेंट में डिफॉल्ट करने पर जुर्माना, ओवरड्राफ्ट लिमिट से अधिक पैसा निकालने पर चार्ज, और लोन के कागजात रिन्यूअल न कराने पर चार्जेस।
इस प्रकार, मिनिमम बैलेंस न रखने पर बैंक आपसे विभिन्न चार्जेस वसूलते हैं, जो कि काफी बड़ी राशि बन सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने खाते में मिनिमम बैलेंस को मेंटेन रखें और बैंक के नियमों का पालन करें, ताकि आप इस तरह की पेनल्टी से बच सकें।