भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा बढ़ाया गया रिपोर्ट के बाद लोग पैसों को निवेश करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट का रुख कर रहे हैं जहां सरकारी बैंक और बड़े प्राइवेट बैंक 7% तक का ब्याज दे रहे हैं वही नए प्राइवेट बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक इत्यादि 9% तक का ब्याज दे रहे हैं.
फिक्स डिपाजिट का रुख लोग इसलिए भी करते हैं क्योंकि वह इसे काफी सुरक्षित मानते हैं. बाजार के ऊपर नीचे होने से इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और तय किए गए समय में तय किया गया ब्याज हर हाल में मिलता है.
5 लाख तक लेता हैं बैंक गारंटी
अगर किसी स्थिति में बैंक के साथ दिक्कत आ जाए और बैंक पैसा लौटाने में सक्षम ना रहे तो ऐसी स्थिति में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा इंश्योरेंस स्कीम के तहत 5 लाख रुपए तक रिकवर किए जा सकते हैं. हालांकि बड़े बैंकों और सरकारी बैंकों के साथ यह ना के बराबर के जैसी रहती है.
अगर आप 5 साल तक लगातार अपने पैसे निवेश में रखना चाहते हैं तो फिक्स डिपाजिट के अलावा और भी कई ऐसी जगह है जहां पर आपको अच्छा मुनाफा अपने पैसे पर मिल सकता है.
बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं
म्यूचल फंड नाम तो सुना ही होगा और प्रचार में यह भी जरूर सुना होगा कि निवेश जोखिम के अधीन है. वैसे ही बात हम भी अपने इस लेख में आपको बताना चाहते हैं कि बताए गए रिटर्न अब तक के रिटर्न है और भविष्य में कुछ ऐसा ही हो इसकी कोई गारंटी नहीं है लेकिन कम और ज्यादा इसके आसपास ही रहता है यह डाटा आसानी से देखा जा सकता है.
Quant Tax Plan
ELSS में नंबर वन पर रैंक कर रहा है यहां म्युचुअल फंड 33% तक का रिटर्न प्रतिवर्ष अब तक दिया है. अगर आप इसमें 10,000 रुपए का SIP करते तो महज 5 साल में आपके ₹600000 13.62 लाख रुपए में बदल गए होते हैं. सबसे खास बात यह है कि टैक्स प्लान होने की वजह से इसमें किया जाने वाले निवेश भी डिडक्शन के दायरे में आता है और आप इसको दिखाकर इनकम टैक्स में छूट पा सकते हैं
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