दिल्ली – गाजियाबाद – मेरठ कारिडोर पर साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड पर रैपिड ट्रेन कब चलेगी, इसकी तिथि अभी तय नहीं हो पाई है, लेकिन इस ट्रेन का किराया कितना होगा, यह इसी माह स्पष्ट हो जाएगा। रैपिड ट्रेन का किराया मेट्रो से थोड़ा ज्यादा होगा और मार्च के तीसरे या चौथे सप्ताह में घोषित कर दिया जाएगा।
निगम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन (एनसीआरटीसी) के सूत्रों ने बताया कि इस कारिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) सात वर्ष पहले तैयार हुई थी. इसमें दो रुपये प्रति किलोमीटर किराया रखने का प्रस्ताव किया गया था। लेकिन, उस वक्त इसे बहुत अधिक बताकर लगभग खारिज कर दिया गया था। अब समय बीतने के साथ-साथ परिचालन लागत में बढ़ोतरी को देखते हुए डीपीआर का वह प्रस्ताव भी विचाराधीन है।
सूत्र बताते हैं कि किराया इतना अधिक भी नहीं रखा जाएगा कि लोग रैपिड ट्रेन में यात्रा करने से ही पीछे हट जाएं। बताया जाता है कि रैपिड ट्रेन का किराया मेट्रो से हर हाल में ज्यादा रहेगा, क्योंकि मेट्रो शहर के भीतर चलती है और इसके स्टेशन भी एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर ही हैं। जबकि, रैपिड ट्रेन क्षेत्रीय स्तर पर चलेगी। स्टेशनों की दूरी भी औसतन तीन से पांच किलोमीटर तक होगी। इसीलिए इसका किराया भी अपेक्षाकृत अधिक होगा।
2 रुपये प्रति किलोमीटर के किराए पर होगी सहमति
सूत्रों की मानें तो प्रति किलोमीटर दो रुपये या इससे कुछ अधिक किराया रखने पर सहमति बन सकती है। एनसीआरटीसी के सूत्र बताते हैं कि किराये का प्रस्ताव तो अंतिम चरण में है, लेकिन किराया निर्धारण समिति में कई अलग अलग क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल होने से उनकी बैठक की तिथि तय नहीं हो पा रही थी। अब यह बैठक 20 मार्च को प्रस्तावित है। संभावना जताई जा रही है कि इस बैठक में ही रैपिड ट्रेन का किराया तय हो जाएगा। इसके बाद कुछ ही दिन में किराये की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।